क्या गौतमबुद्ध नगर जनपद में लॉकडाउन लगाने की पड़ सकती है आवश्यकता , जानिए टेन न्यूज़ की खास रिपोर्ट 

Ten News Network

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नोएडा :– देश मे फिर से कोरोना का प्रकोप दिखने लगा है , खासबात यह है कि कोरोना की रफ्तार महाराष्ट्र राज्य से शुरू हुई , अब देश के सभी जिलों में कोरोना का प्रकोप दिखने लगा। वही गौतमबुद्ध नगर जिले की बात करे तो अब रोजाना 50 लोग संक्रमित हो रहे है , वही यूपी राज्य की बात करे तो करीब 1500 लोग रोजाना कोरोना से संक्रमित हो रहे है , पहले यूपी में 300 से भी कम लोग कोरोना की चपेट में आ रहे थे।

 

वही गौतमबुद्ध नगर में बढ़ते कोरोना मामलों को देख टेन न्यूज़ एक परिचर्चा का आयोजन किया , जिसका विषय ‘ कोरोना की दूसरी लहर और सोशल डिस्टनसिंग’ रहा। वही इस परिचर्चा का संचालन एमिटी विश्वविद्यालय के उपनिदेशक डॉ विवेक कुमार ने किया।

साथ ही इस परिचर्चा में नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट उमा शंकर , नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह , नोएडा के समाजसेवी वेटरन ब्रिगेडियर अशोक हक , नोएडा के मशहूर समाजसेवक अमित गुप्ता , ग्रेटर नोएडा के ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या अदिति बासु राय  , मशहूर समाजसेवक डॉ सिद्धार्थ गुप्ता , मशहूर सर्जन डॉ वीपी सिंह शामिल हुए ।

 

शुरुआत में नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने कहा जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि जब पहले भी कोरोना की पहली लहर आई थी , तो उस समय जितनी भी गवर्नमेंट मशीनरी थी जैसे कि मेडिकल डिपार्टमेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, नोएडा अथॉरिटी और पुलिस सभी ने जिले के अंदर कोरोना से बचने के उपाय लागू करवाने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास किए थे , जिसमें हम सभी काफी हद तक सफल भी हुए थे।

 

उन्होंने कहा अगर आप देखेंगे तो गौतमबुद्ध नगर बाकी सभी जगहों से बेहतर तरीके से कोरोना महामारी से लड़ने में सफल साबित हुआ और यहां पर सबसे जल्दी कोरोना पर काबू पा लिया गया। उस समय मुझे याद है कि जब जब हमने लोगों से किसी चीज को करने के लिए अपील की तो लोगों ने हमारी बात को सुना और उसको माना, यह भी एक कारण है कि हम अच्छी तरीके से इस वायरस पर काबू पा सके।

 

उन्होंने कहा लॉकडाउन के दौरान ऐसा कोई दिन नहीं था,  जिस दिन नोएडा के सभी बॉर्डर पर कुछ ना कुछ हरकत ना हो रही हो,  जो कोरोना की दूसरी लहर एक बार फिर से आई है उसको लेकर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जो चीज है वह है जन जागरूकता। जिसको लेकर हमारी तरफ से जगह जगह पर एडवर्टाइजमेंट भी कराई जा रही है इसके साथ ही चौकियों और थानों से भी अनाउंसमेंट कराई जा रही है।

 

उन्होंने कहा हम देख रहे हैं कि कुछ दुकानें और कुछ ऐसे पब्लिक एरिया है , जहां पर कोरोना के नियमों का पालन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है।  उन्होंने इसको लेकर दुकानदारों और लोगों से आग्रह किया कि वह कोरोना की गाइडलाइन का पालन करें। उन्होंने कहा अगर हम सब लोग कोरोना की गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे तो हम चाह कर भी इस महामारी को फैलने से नहीं रोक पाएंगे।

 

आगे उन्होंने कहा अभी लॉकडाउन की स्थिति नहीं बनी हुई है। लॉकडाउन में जो भी नियम लागू होने चाहिए वह अभी लागू नहीं कराए गए हैं , लेकिन कंटेनमेंट जोन का प्रावधान अभी है जहां पर भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं वहां पर हमारे ऑफिसर जाकर स्थितियों पर काबू करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही जितने भी कंपलेक्स मॉल या फिर पब्लिक प्लेसेस है , वहां पर हम लोग जाकर कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर इंप्लीमेंटेशन का काम करा रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। मैं जैसा इस जनपद के लोगों से आशा करता हूं वैसा यहां के लोग करते हैं यह जनपद पढ़े लिखे लोगों का जनपद है और लोग इस महामारी को समझते हैं और गाइडलाइंस का पालन ही करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से हो सकता है कि गाइडलाइन आ सकती हैं इसीलिए इससे पहले ही हम लोग यह सुनिश्चित करें कि हमें मास्क लगाना है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है हम लोग अभी जनपद में कार्यक्रम करने की इजाजत दे रहे हैं कल जैसे कि नोएडा के सेक्टर 34 में होली मिलन समारोह कार्यक्रम को हमने करने की इजाजत दी और वहां पर हमें अच्छा भी लगा की सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था है।

 

साथ ही साथ लोग मास्क भी लगा रहे हैं , लेकिन जब हम स्टेज पर गए वहां पर थोड़ा ऐसा लगा कि लोग इकट्ठा हो रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है तो हमें इन सब चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है , यह चीजें फिलहाल नहीं होनी चाहिए क्योंकि कोरोना एक बार फिर से अपनी रफ्तार बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है।

 

नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट उमा शंकर ने कहा की अभी फिलहाल जो स्थिति नजर आ रही है उसके हिसाब से हमें कोरोना से ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है,  क्योंकि की वैक्सीन भी आ चुकी है और यह वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ-साथ ज्यादातर लोगों को लग भी चुकी है और साथ ही ऐसा संभव है कि अप्रैल महीने से सरकार द्वारा इसकी घोषणा भी हो सकती है कि सभी देशवासियों को वैक्सीन लगाने की इजाजत मिल जाए। वह कब होगा इसका निर्णय सरकार लेगी संभवता के हिसाब से। इस समय जो स्थिति बनी हुई है उसके मद्देनजर प्रशासन ने धारा 144 जिले में पहले से ही लागू की हुई है।

 

आगे उन्होंने कहा गौतमबुद्ध नगर के लोग पढ़े लिखे हैं और बुद्धिजीवी लोग हैं लोग सभी स्थिति को समझते हैं इसलिए यहां ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है । साथ ही गौतमबुद्ध नगर प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण जिला है। उन्होंने कहा बाकी राज्यों के हिसाब से उत्तर प्रदेश में महामारी उतनी कारगर रूप में नहीं है,  खासकर गौतम बुद्ध नगर में ज्यादा चिंता का विषय नहीं है , लेकिन जैसे कि बाकी राज्यों से लोग प्रदेश में आना-जाना कर रहे हैं उस हिसाब से हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है।  तीन महत्वपूर्ण चीज हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए जैसे कि 2 गज की दूरी, मास्क और सैनिटाइजर।

 

आगे उन्होंने कहा गौतमबुद्ध नगर के लोगों को कोरोना से ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहां के लोग समझदार हैं लेकिन जिस हिसाब से मामले सामने आ रहे हैं उसको देखते हुए थोड़ा सावधान होने की आवश्यकता है। साथ ही सरकार की तरफ से जो भी गाइडलाइन जारी की गई हैं उसको खुद तो पालन करना ही है।  साथ ही साथ हमारे आसपास के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करते रहना है। जिस प्रकार से इस संकट से हम पहले भी निपटे थे,  मुझे यकीन है इस बार भी हम इस संकट से निपट सकते हैं और इस महामारी को हरा सकते हैं।

 

ब्रिगेडियर अशोक हक ने होली की शुभकामनाओं के साथ पैनल में अपनी बात रखते हुए कहा की गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरेट और एडमिनिस्ट्रेटिव बहुत ही सराहनीय काम कर रहे हैं , लेकिन जनपद के नागरिकों को यह समझने की ज्यादा आवश्यकता है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है, साथ ही यूएस में तो इसकी तीसरी लहर आ चुकी है। आगे उन्होंने कहा हमें यह समझना होगा कि जिस हिसाब से देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं , उस हिसाब से हमें सावधानी बरतने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है | गौतमबुद्ध नगर में भी नए मामले सामने आए हैं , हमें अपने जनपद का तो ध्यान रखना ही होगा साथ ही जो आसपास के राज्य समेत जिले हैं जैसे कि हरियाणा, गाजियाबाद, पंजाब और दिल्ली इन सब पर भी हमें ध्यान रखना होगा, क्योंकि हम दोबारा से शहर में लॉकडाउन लगाने की स्थिति में फिलहाल नहीं है नहीं तो लोग भूखे मर जाएंगे और इस समय बहुत सारी चीजें हमारे देश में चल रही हैं जैसे कि त्योहार आ रहा है |

 

बंगाल और कई राज्यों में इलेक्शन का समय है और गौतमबुद्ध  नगर में भी कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं| मैंने अखबार में भी पढ़ा था कि जो भी कार्यक्रम जनपद के में हो रहे हैं, वहां पर भी पूरी तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन लोग नहीं कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा सरकारी से लेकर प्राइवेट जितनी भी संस्थाएं हैं हम सभी को मिलकर जनपद में लोगों को जागरूक करने का काम करना चाहिए, क्योंकि यही एक मात्र उपाय है जिससे लोग जागरूक होंगे और हम इस बीमारी से लड़ने में कामयाब हो पाएंगे।

 

साथ ही जो हमारे आसपास की मार्केट हैं जैसे कि कल ही मैं अट्टा मार्केट गया था ब्रह्मपुत्र मार्केट गया था वहां पर लोगों को कोरोना का डर ही नहीं है, पुलिस की गाड़ियां वहां पर खड़ी है , उसका भी कोई असर लोगों पर नहीं पड़ रहा है , लेकिन इसमें पुलिस वाले भी क्या कर सकते हैं , अगर हम और आप ही गाइडलाइंस का पालन ना करें तो यह सारी चीजें हम को खुद ही समझनी पड़ेगी , जब तक कोई सलूशन नहीं निकल पाएगा।

 

आगे उन्होंने कहा वैक्सीनेशन जो की बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है,  इस समय सरकार को उसकी रफ्तार और तेज करनी चाहिए जहां पर भी ज्यादा मामले कोरोना के सामने आ रहे हैं , वहां पर सबसे पहले वैक्सीनेशन की व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए सरकार को।

 

डॉक्टर सिद्धार्थ गुप्ता ने चर्चा में कहा की सरकार की तरफ से जो भी गाइडलाइन हैं हमें उसका पालन करने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि जो दूसरी लहर देशभर में आ रही है | वह बहुत ही तेजी से असर कर रही है , जिसके मद्देनजर हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत ही जरूरी है , खासकर अगर हम अस्पताल या फिर अन्य पब्लिक प्लेस में हैं | हम देख रहे हैं कि आज के समय में लोगों ने मास्क लगाना एक तरीके से बंद कर दिया है, जो लोग मास्क लगा रहे हैं वह बहुत ही कैजुअल्टी से मास्को का उपयोग कर रहे हैं , जो कि बहुत ही खतरनाक हो सकता है। मास्क पहनते समय हमें इस बात का ध्यान अवश्य रखना है कि हमने मास्क सही ढंग से पहना है कि नहीं , जब हम मास्क लगाते हैं , तो हमारा नाक और मुंह पूरी तरह से ढका होना चाहिए , जिससे कि संक्रमण को फैलने से रोका जाए।

 

आगे उन्होंने कहा कि एक चीज बहुत ही महत्वपूर्ण है,  जिसको हमें याद रखना होगा | जैसे कि मौसम में बदलाव आ रहे हैं , हम सर्दियों से गर्मियों में प्रवेश कर रहे हैं , तो हमें इस चीज का और खास तौर पर ध्यान रखना होगा और हमें अपने हाइजीन का भी ध्यान रखना होगा | साथ ही कोई भी गैदरिंग अगर हम करते हैं तो हमें इस चीज का भी ध्यान रखना होगा कि हम बार-बार अपने नाक मुंह और आंख पर हाथ ना लगाएं अगर हमें लगता है कि हमने कोई ऐसी चीज को छुआ है जिसमें वह इंफेक्शन हो सकता है तो फिर हम उसे तुरंत ही अच्छे से साफ कर ले , जिससे कि संक्रमण का खतरा कम हो।

 

आगे उन्होंने कहा कि अगर किसी की तबीयत बिगड़ती भी है तो जैसे कि मौसम में भी बदलाव हो रहा है तो इसमें ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है सबसे पहले आपको खुद को होम आइसोलेट करना है और जो भी टोल फ्री नंबर सरकार द्वारा जारी किए गए हैं उन पर कॉल करना है साथ ही अपने नियर बाय हॉस्पिटल को इन्फॉर्म करें।

 

साथ ही सरकार की गाइडलाइन का पालन करें , घर पर रहे और घर का ही खाना खाए और अगर बच्चे हैं तो बच्चों को भी यह सारी चीजें पालन करने में उसकी मदद करें। आगे उन्होंने कहा जो लोग भी सिगरेट और अल्कोहल का सेवन करते हैं , उन्हें खासकर ध्यान रखना होगा कि वह सिगरेट का सेवन ना करें और जो लोग वैक्सीन का पहला डोज लगवा चुके हैं और दूसरे डोज के लिए इंतजार कर रहे हैं वह इस पर लापरवाही ना दिखाएं दूसरा डोज जरूर लगवाएं और जिनको डायबिटीज या अन्य बीमारी है वह खासकर गाइडलाइन का पालन जरूर करें।

 

मशहूर सर्जन वीपी सिंह ने पैनल में अपनी बात रखते हुए कहा कि जैसे कि सभी लोग जानते हैं यह जो दूसरी लहर कोरोना की आई है , इससे दोबारा से खतरा फैल सकता है और जो लोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं , जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं , ऐसा नहीं है कि वह इस बीमारी से वाकिफ नहीं है या फिर उन्हें नहीं पता की उन्हें करना क्या है वह सभी इस चीज को भली भांति समझते हैं मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों का ना पालन करने का कारण है कि लोग रोज रोज एक ही चीज करके ऊभ जाते हैं और यह एक बीमारी है।

 

आगे उन्होंने कहा देश में वैक्सीन आ चुकी है और ज्यादातर लोगों को इसकी पहली डोज भी लग चुकी है , लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अगर आपको वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है तो अब आपको कोरोना का खतरा नहीं है और एक महत्वपूर्ण बात जो नॉर्मल वैक्सीन आती हैं उनको बनने में और उसका परीक्षण करके उसकी सप्लाई करने में नॉर्मल 5 साल का वक्त लगता है यह जो वैक्सीन मार्केट में आई है इसको इमरजेंसी बेस पर लागू किया गया है। हमें बस इस चीज को ध्यान में रखना होगा कि जो भी गाइडलाइन सरकार ने जारी  की है और कोरोना के समय में हम जिस तरीके से रह रहे थे सोशल डिस्टेंसिंग मास्क और सैनिटाइजर यह तीनों चीजें हमें अपने जीवन में उपयोग में लानी है और यह वायरस डिजीज इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है , यह आगे भी चलता रहेगा तो इसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना है और बचाव के सारे उपाय अपनाते रहना है।

 

 

ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य अदिति बासु रॉय ने पैनल में अपनी बातचीत रखने से पहले कहा कि भगवान भी उन्हीं का ख्याल रखते हैं जो अपना ख्याल रखते हैं और जैसा कि हम आज के समय में देख रहे हैं यह जो महामारी फैल रही है और जो इसकी दूसरी लहर आई है उसके लिए भी हमें अपना ख्याल खुद को ही रखना पड़ेगा , तभी हम इस बीमारी से बच सकते हैं | आगे उन्होंने कहा हम देख रहे हैं की स्कूलों में काफी अच्छी व्यवस्था हो रही है स्कूल की टीचर से भी इसमें काफी सहयोग दे रही है , लेकिन अगर हम बच्चों की बात करें तो बच्चे बहुत ही समझदार होते हैं वह बिल्कुल प्यारे और सच्चे होते हैं जैसा हम उन्हें सिखाते हैं वैसा ही वह करते हैं स्कूल में टीचर बच्चों को गाइडलाइन के बारे में सिखाती तो है , लेकिन जब बच्चे अपने घर जाते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं मास्क लगाते हैं तो उनके पेरेंट्स ही उन्हें कहते हैं कि इसकी आवश्यकता नहीं है।

 

अब बच्चे जैसा उनके पेरेंट्स करते हैं वैसे ही बच्चे भी उन्हें फॉलो करते हैं। उन्होंने कहा मैंने देखा है ग्रेटर नोएडा में एक शादी समारोह में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। तो आखिर क्यों लोग इस चीज को हल्के में ले रहे हैं। सरकार की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं। कई लोगों को सरकार के नियमों का मजाक उड़ाने में बहुत मजा आता है और इसमें पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा बच्चे एक बहुत ही अच्छा साधन हो सकते हैं अपने मां-बाप को समझाने में जो कि नियमों को तोड़ने का काम कर रहे हैं जैसे कि उन्होंने एक एग्जांपल दिया और कहा की नोएडा सेक्टर 34 की शुक्रवार मार्केट में मैं जाती हूं वहां पर आप दुनिया भर की सारी चीजें खरीद सकते हैं और आपको फ्रेश वेजिटेबल भी वहां पर मिल जाता है तो मैं वहां पर जब गई तो वहां मैंने देखा कि एक लेडी ने कोल्ड ड्रिंक बॉटल से कोल्ड ड्रिंक पी और जब वह बोतल खाली हो गई तो उन्होंने अपने बच्चे से कहा कि बेटा यह बोतल खाली हो गई है यहां पर डस्टबिन कहीं नजर नहीं आ रहा है इसको कहीं फेंक देते हैं तो उसके बेटे ने उसे कहा ‘नहीं मम्मा आप इसे बैग में रख लीजिए’ तो उसकी मां ने उसे बोला नहीं चुपचाप से इसको नीचे फेंक देते हैं किसी को पता भी नहीं चलेगा, तो बच्चे ने उस समय तुरंत रिएक्ट किया और अपनी मां को समझाया कि नहीं मम्मा यह गलत बात है हम इसे बाद में डस्टबीन में फेंक देंगे अभी आप इसे अपने बैग में रख लीजिए। तो इसी तरीके से अगर हम चाहें तो बच्चे बहुत अच्छा साधन हो सकते हैं अपने पेरेंट्स को समझाने में जो कि गाइडलाइन का पालन नहीं करते है।

 

स्विमिंग पूल खोलने को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा उमाशंकर ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से 1 अप्रैल से स्विमिंग पूल खोलने को कहा गया है और साथ ही जिन  सोसाइटी में स्विमिंग पूल है और उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तो हमें इस चीज का ध्यान रखना होगा कि सोसायटी के अंदर कुछ ऐसे परिवार हैं जो संक्रमित हैं तो उन्हें दूर रखने की आवश्यकता है कहीं ऐसा ना हो की कोई बच्चा वहां पर जाए और उसे किसी दूसरे बच्चे में यह संक्रमण फैल जाए।

 

इसी क्रम में एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने कहा की स्विमिंग पूल को लेकर सरकार की तरफ से इसको खोलने का फैसला तो ले ही लिया गया है , लेकिन इन सब चीजों का ध्यान हमें खुद को रखना पड़ेगा और साथ ही जो भी स्विमिंग पूल का संचालक है उसको भी इस चीज का ख्याल रखना चाहिए या फिर उन्हें ऐसा करना चाहिए कि जो भी स्विमिंग पूल में नहाने के लिए आ रहा है उनके पास कोरोना चेकअप का सर्टिफिकेट होना चाहिए इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा।

 

जिन लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव है केवल वही लोग स्विमिंग पूल का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही हमें बाकी चीजों को भी नहीं भूलना है जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मास्क लगाना और अपने आप को सैनिटाइज करते रहना अगर हम स्विमिंग पूल में जा रहे हैं तो भी अपने आप को पूरी तरीके से सैनिटाइज कर कर जाना है और स्विमिंग पूल से लौट रहे हैं तब भी अपने आप को पूरी तरीके से सैनिटाइजर करना है। साथ ही उन्होंने कहा की हर बार लोगों को पनिशमेंट देखकर या फिर चालान काट कर नहीं समझाया जा सकता गौतमबुद्ध  नगर के लोग पहले से ही समझदार और पढ़े लिखे हैं वह इस चीज को भली भांति समझते हैं इसलिए जो लोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें प्यार से समझाने की आवश्यकता है डंडे से नहीं।

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