सृजनी द्वारा “जय हिंद ! जय हिंद के वीर” का टेन न्यूज़ लाइव से शानदार और जानदार प्रसारण

Ten News Network

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गणतंत्र दिवस की पूर्व बेला पर सृजनी द क्रिएटिव वुमन द्वारा एक विशेष वर्चुअल कार्यक्रम “जय हिंद ! जय हिंद के वीर” का टेन न्यूज़ लाइव से प्रसारण किया जिसमें मंच संचालिका के रूप में प्राची चतुर्वेदी रंधावा (कवयित्री, ट्रैवलर वेनकोवर कनाडा) शामिल रही ।

इनके अलावा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय राष्ट्रपति से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी भी शामिल हुए। उन्होंने इस बात की बेहद खुशी जताई कि टेन न्यूज़ इंडिया ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर एक कार्यक्रम हिंदुस्तान के वीर सैनिकों और सपूतों को समर्पित किया। उंन्होने कहा, ” ऐसे कार्यक्रमों की आज के समाज में बेहद आवश्यकता है ताकि हम अपने हिंदुस्तानी वीरों को अपने समाज से जोड़ सकें अपनी आने वाली पीढ़ियों से जोड़ सके।’

कार्यक्रम को आगे दिशा देते हुए प्राची चतुर्वेदी रंधावा ने कार्यक्रम में जुड़े मेजर डीपी सिंह जी से उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाने को कहा।
मेजर डीपी सिंह ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि “मुझे फौज में जाने की प्रेरणा मेरे सिख धर्म और गुरुओं के जीवन के बारे में जानकर मिली उन्होंने कहा कि मुझे सिख धर्म ने सिखाया है कि कैसे औरों के लिए जीवन जीने हैं कष्ट सहने हैं और मुंह पर हमेशा मुस्कुराहट रखनी है, प्रेरणा मिलने के बाद मैंने सोच लिया कि मुझे ऐसा ही कोई काम करना है और मैंने सेना में जाने का निश्चय किया क्योंकि सेना में रहते हुए बाढ़, आंधी, तूफान, भूकंप, भूस्खलन, टेरर अटैक, युद्ध आदि से मैं समाज को बचा सकता था समाज के हित में काम कर सकता था।”

इसके बाद उन्होंने अपनी कविता से कार्यक्रम में समा बांधा।

कविता के बाद मेजर डीपी सिंह ने 1919 में हुए युद्ध कि अपनी कहानी बतानी प्रारंभ की तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने बताया कि, 1919 की जंग में उन्होंने पड़ोसी मुल्क से खूब लोहा लिया उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें लगातार गोलियां लगती रही लेकिन वह बचते रहे और अंत में तंग आकर पड़ोसी सेना ने बमबारी कि जिसमें मेजर डीपी सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए ।

जब वह अस्पताल में बेहोशी की हालत में पहुंचे तो उन्हें एक जूनियर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया लेकिन हॉस्पिटल में कर्नल राजेंद्र सिंह जो वहां पर एनएसथीसियोलॉजिस्ट थे उन्होंने हार नहीं मानी और उन्हें मौत के मुंह से खींच कर ले आए।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्राची चतुर्वेदी रंधावा ने लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी से कहा कि वह अपने सैनिक जीवन से जुड़ी कुछ बातें या कोई कहानी साझा करें। जिस पर वीके चतुर्वेदी ने एक रोचक किस्सा सुनाते हुए बताया कि 1971 की लड़ाई में जब हमें एक ऑपरेशन के तहत दुश्मन के इलाके में हेलीकॉप्टर के माध्यम से उतारा गया तो एक हेलीकॉप्टर ने हमारे हथियार हमसे 12,15 किलोमीटर दूर उतारे, लेकिन इस परिस्थिति में भी सूबेदार प्रभाती लाल एक रिक्शे के माध्यम से रातों-रात वह हथियार हमारे पास ले आए। जिसके बाद हमारी बटालियन में दुश्मन की सेना को ऐसा दिखाया जैसे हम बटालियन नहीं ब्रिगेड में हैं और हम चकमा देने में कामयाब भी हुए, लेकिन इस सैन्य घटना में जब हमारे 2 सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए और हेलीकॉप्टर में बस एक सैनिक के जाने की जगह थी तब सीनियर सैनिक कहता है कि मेरा जूनियर जाएगा और जूनियर सैनिक कहता है हमारे सीनियर साहब जाएंगे और यह दृश्य अपने आप में एक भावना का दृश्य है। यह भावना है भाईचारे की यह भावना है देश प्रेम की यह भावना है सेना की। और यही भावना आज हमारी नई पीढ़ियों को सीखनी चाहिए कि कैसे हम दूसरों के लिए जी सकें।

लेफ्टिनेंट वीके चतुर्वेदी ने टेनन्यूज़ की तारीफ करते हुए कहा कि कार्यक्रम बहुत ही शानदार चल रहा है और जो रोज टीवी चैनलों पर मेंस्ट्रीम मीडिया में डिबेट होती है वह असली भारत की डिबेट नहीं है असली भारत की डिबेट यह है जो आज हम कर रहे हैं इसके लिए मैं टेन न्यूज़ को और प्राची चतुर्वेदी रंधावा को बहुत-बहुत बधाई ज्ञापित करता हूं।

कार्यक्रम आगे बढ़ा तो प्राची चतुर्वेदी रंधावा ने कर्नल सतनाम सिंह मैनी को सबसे रूबरू करवाया और कर्नल सतनाम सिंह मैनी ने कहा की फौज में जाना एक बहुत बड़ी बात होती है फौज में जाने वालों की भावना अलग ही होती है और यह गर्व करने की बात है कि मैं फौज में था, उन्होंने कहा कि जब मैं कम उम्र कैप्टन बना तो एक लड़ाई में मैं बेहद जोश में था लेकिन मेरे जूनियर मुझसे भी ज्यादा जोश में थे एक जूनियर ने मुझसे कहा कि “सर आज इनका फैसला कर ही देते हैं।” जिसके बाद हमने पत्थरों के पीछे छुप कर अंधाधुंध फायरिंग की, इसके बाद एक और ऑपरेशन में हमें सूचना मिली कि वाइस चेयरमैन ऑफ लश्कर-ए-तैयबा और उसके कुछ साथी एक स्थान पर छुपे हुए हैं और जहां पर हमारा एक कैप्टन अपनी प्लाटून के साथ पहुंच कर उन से लोहा ले रहा है उसके बाद हमने भी वहां जाने की तैयारी की और वहां हमारा एक जवान शहीद हो गया लेकिन हमने लश्कर-ए-तैयबा के वाइस चेयरमैन और उसके साथियों को पकड़ लिया।

कार्यक्रम आगे बढ़ा तो कार्यक्रम में उपस्थित युवा कवि अपूर्व विक्रम शाह ने अपनी वीर रस की कविताओं से कार्यक्रम में चार चांद लगाए, साथ ही कर्नल सतनाम सिंह ने भी अपने देशभक्ति गीतों से समा बांधा।

गणतंत्र का जोश और जश्न यहीं खत्म नहीं हुआ कार्यक्रम में उपस्थित प्राची चतुर्वेदी रंधावा जोकि बहुत सुंदर संचालन कर रही थी उन्होंने अपनी कविताएं सबके समक्ष रखी और उनके साथ कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय क्लासिकल सिंगर लिली मोहन ने अपनी गायकी से सबका मन मोहित कर लिया।

इसके बाद कार्यक्रम में आभार प्रकट करने के लिए सृजनी द क्रिएटिव वुमन की सदस्य डॉक्टर शिप्रा शिल्पी कार्यक्रम में जुड़ी औऱ उन्होंने टेन न्यूज और सृजनी द क्रिएटिव वुमन की तरफ से काव्यात्मक लहजे में आभार प्रकट किया।

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