शिक्षा के क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा बनेगा बड़ा विकल्प : बिमटेक निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी | ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 30वें स्थापना दिवस पर टेन न्यूज़ लाइव परिचर्चा

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एसीईओ केके गुप्ता ने साझा किया विकास का रोडमैप

ग्रेटर नोएडा के ३० वाँ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ग्रेटर नोएडा के नियोजन और विकास पर परिचर्चा के रूप में टेन न्यूज़ के कार्यक्रम सच्ची बात का 34वां एपिसोड एक विशेष एपिसोड बना। क्योंकि ग्रेटर नोएडा इस बार के एपिसोड का केंद्र बिंदु रहा। कार्यक्रम का संचालन प्रोफ़ेसर विवेक कुमार ने किया । इस कार्यक्रम का विषय था “ग्रेटर नोएडा के विकास का सफरनामा और भविष्य की संभावनाएं”।

इस परिचर्चा में कृष्ण कुमार गुप्ता (अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण), डॉ हरिवंश चतुर्वेदी (निर्देशक, बिमटेक इंस्टिट्यूट), मंजुला मिश्रा ( जिला अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, प्रबंध निदेशक होलसेफ सिक्योरिटी लेबल्स लिमिटेड), आलोक सिंह(सामाजिक सचेतक), मनीष कुमार (वरिष्ठ उपाध्यक्ष नेफोवा), सारनाथ गांगुली (उपाध्यक्ष नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) और कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता प्रोफ़ेसर विवेक कुमार (उपनिदेशक एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा) आदि शामिल हुए।

कार्यक्रम का परिचय देते हुए हुए प्रोफेसर विवेक कुमार ने कहा की इस कार्यक्रम में समाज के कुछ जरूरी मुद्दों पर सच्चाई के साथ चर्चा होती है ताकि इस चर्चा से समाज को एक दिशा मिल सके।


प्रोफेसर विवेक कुमार ने बातचीत में कहा कि, “आज से 20 वर्ष पहले जब ग्रेटर नोएडा बसाया जा रहा था तो लोग यहां आने से डरते थे , लेकिन आज स्थितियां वैसी नहीं रही है , आज ग्रेटर नोएडा का विकास सिर्फ यह देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया देख रही है, ग्रेटर नोएडा ने आज अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।”

प्रोफेसर विवेक कुमार ने ततपश्चात वरिष्ठ प्रशाशनिक अधिकारी कृष्ण कुमार गुप्ता से आग्रह किया कि ग्रेटर नोएडा के सफर के बारे में कुछ कहें और भविष्य में संभावनाओं पर बात करें।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ कृष्ण कुमार गुप्ता ने इस पर कहा कि, “इस शहर को बसाने में प्रशासन में बैठे हमारे पूर्व अधिकारियों का बहुत ज्यादा योगदान रहा है , उनके चलते ही आज ग्रेटर नोएडा ने राष्ट्रीय , अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है ।

साथ ही उन्होंने कहा कि 1991 से 2021 तक का सफर बहुत ही शानदार रहा वह अलग बात है कि इस शहर को बसाने में बहुत मेहनत लगी , बाधाएं भी बहुत आई , हमारी प्राधिकरण को जन आक्रोश का सामना करना पड़ा , अफवाहों का सामना करना पड़ा , दुष्प्रचार का सामना करना पड़ा , प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा पर हमने हंसकर इसका सामना किया और आज हम जहां खड़े हैं वहां दुनिया देख रही है।

“मैं पिछले वर्षों में जब विदेश दौरों पर था तो विदेश के लोगों को जब पता चलता था कि मैं नोएडा अथॉरिटी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जुड़ा हुआ हूं तो वह बेहद सम्मान की निगाह से देखते थे , विदेशों में बहुत सारे लोगों को भारत के बारे में नहीं पता है लेकिन ग्रेटर नोएडा और नोएडा के बारे में उन्हें काफी जानकारी है”, एसीईओ केके गुप्ता बोले।


बातचीत को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर विवेक कुमार ने डा. हरिवंश चतुर्वेदी से कहा कि कोरोना काल में शिक्षण क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा के 126 संस्थान बंद हो गए या बंद होने की कगार पर है, इन्हें बचाने के लिए शिक्षण क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अथॉरिटी को या समाज को क्या करना चाहिए

बिमटेक इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने कहा कि, “2007 से 2012 के बीच ग्रेटर नोएडा में शिक्षण संस्थानों की स्थापना तेजी से हुई । लाखों की संख्या में बाहर के प्रदेशों से ग्रेटर नोएडा में विद्यार्थी पढ़ने आते थे , लेकिन उसके बाद से निरंतर इन शिक्षण संस्थानों में संख्या की कमी देखी गई वैसे तो अब भी ग्रेटर नोएडा में करीब डेढ़ सौ शिक्षण संस्थान है पर असल में ग्रेटर नोएडा में 25 से 30 शिक्षण संस्थान ही जमीनी स्तर पर दिखते हैं और बाकी संस्थान कागज पर ही चल रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वह क्यों चल रहे हैं पर स्थिति यही है, इन शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए सरकार और अथॉरिटी प्रयासरत है और आने वाले 10 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा एक मजबूत विकल्प बनकर उभरेगा।”


प्रोफेसर विवेक कुमार ने आगे सवाल किया मंजुला मिश्रा से कि पिछले दिनों जब हमने देखा कि कोरोना काल में लाखों की संख्या में श्रमिकों ने ग्रेटर नोएडा से पलायन किया इसमें मुख्य कारण यह था कि उन श्रमिकों के लिए रहने की जगह भी नहीं थी । गौरतलब है की एक लंबे समय से ग्रेटर नोएडा में श्रमिकों के लिए आवास की मांग उठ रही है उस पर आप क्या कहना चाहते हैं।

इस पर मंजुला मिश्रा ने कहा कि,”हम भी चाहते हैं कि हमारे श्रमिक हमारे उद्योगों के आसपास ही रहे इससे हमारा भी लाभ होगा और श्रमिकों को भी लाभ पहुंचेगा , लेकिन श्रमिकों को आवास देने में अभी थोड़ा समय लगेगा क्योंकि अभी भी हम कुछ प्राथमिक चीजों में पीछे चल रहे हैं , पहले हमें उन पर ध्यान देना होगा”

मंजुला मिश्रा ने आगे बातचीत में कहा कि आज ग्रेटर नोएडा में बिजली की थोड़ी सी समस्या है जिसको हमें ठीक करने की आवश्यकता है , औद्योगिक कचरा भी आज एक समस्या देखने में आ रही है इस को नष्ट करने के लिए हमें एक प्लांट की एक स्थान की आवश्यकता है इस पर हमें विचार करना चाहिए।”

प्रोफेसर विवेक कुमार ने बातचीत में सारनाथ गांगुली से पूछा कि ग्रेटर नोएडा में बिजली का सफर कैसा रहा उस पर प्रकाश डालिए किस तरह से पहले मीटर थे अब स्मार्ट मीटर लग गए या अंडरग्राउंड वायरिंग हुई?

इस पर सारनाथ गांगुली ने कहा, “ग्रेटर नोएडा जब बन रहा था तो अफसरों ने इसको बनाने के लिए सारे कांसेप्ट नए रखें ऐसे में एक नया कांसेप्ट रखा गया एनसीपीएल का और फिर काम करना शुरू किया, काम संघर्षपूर्ण था , लेकिन हमने इसको संभव किया और आज हम पूरे शहर को और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली दे रहे हैं , बिजली सुचारू रूप से दे रहे हैं। हमने नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया है बीच में अगर छोटा मोटा पावर कट हो जाता है तो उसको हम जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास करते हैं लेकिन मैं यह गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमने कम समय में ज्यादा बिजली देने का कार्य किया है।”

कार्यक्रम में समाजसेवी आलोक सिंह ने कहा, “ग्रेटर नोएडा निवासियों को एक बहुत ही सुंदर और समृद्ध शहर में रहने का सौभाग्य मिला है निश्चित रूप से यहां रहने वाले लोगों को इस शहर पर गर्व होता है पर इसकी सुंदरता और समृद्धि बनाए रखना भी हम लोगों का कर्तव्य है, आज ग्रेटर नोएडा में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है इस पर हमको विचार करना चाहिए क्योंकि शहर का स्ट्रक्चर बहुत ही अच्छा बना हुआ है पर शहर में निवास कर रहे लोगों को इसकी सुंदरता बनाएं रखने के लिए प्रयास करने चाहिए।”

चर्चा के मूल में जो बातें निकल कर आई उस पर प्रोफेसर विवेक कुमार ने ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि:–

1. औद्योगिक क्षेत्रों एवं नॉलेज पार्क में एक सांस्कृतिक केंद्र बनना चाहिए जहां पर लोग बैठकर आपस में चर्चाएं कर सकें।

2. औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के आवास की समस्या जो है वह हल होनी चाहिए श्रमिकों को आवास प्राप्त कराया जाना चाहिए।

3. शिक्षण संस्थानों को मजबूत किया जाना चाहिए वहां पर पढ़ाने वाले शिक्षकों की री इस्किलिंग होनी चाहिए।

4. सेक्टर 51 के मेट्रो स्टेशन को सेक्टर 71 के मेट्रो स्टेशन से जोड़ना चाहिए।

5. अतिक्रमण करने वाले लोगों पर भी कार्यवाही हो और रेहड़ी पटरी लगाने वाले गरीबों मे जागरूकता लाई जाए कि वह बीच रोड पर सामान ना बेचें।

चर्चा के अंत में कृष्ण कुमार गुप्ता ने सभी के सुझाव पर आभार प्रकट किया और आश्वासन दिया कि हम निरंतर इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए कार्य करने का प्रयास करेंगे और ग्रेटर नोएडा को और समृद्ध बनाने का निरंतर प्रयास करेंगे ।

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