यूपी बोर्ड के छात्रों को पढ़ाई जाएगी गंगा की महत्ता।

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गंगा के संरक्षण और इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों को विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य बनने जा रहा है, गंगा के संरक्षण को देखते हुए लिया गया है फैसला।

नमामि गंगे विभाग की मुहीम पर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाई स्कूल और इंटर कक्षा में गंगा संरक्षण को पढ़ाने हेतु अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

यहां बताते चलें कि,गंगा संरक्षण को विभिन्न विद्यालयों और विद्यार्थियों से जोड़ने की इस मुहीम का प्रतिनिधित्व नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग कर रहा है।

अब उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी, हिमालय से बंगाल की खाड़ी तक जीवन दायिनी गंगा की विकास यात्रा को जान सकेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा स्वच्छता अभियान को बच्चों से जोड़ना चाहते हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में गंगा संरक्षण और जल प्रदूषण को शामिल कर योगी सरकार गंगा स्वच्छता को नई गति देने की तैयारी में जुटी है, और प्रदूषण जैसी बड़ी समस्या से बच्चों को अवगत कराना चाहती है,

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से मिली जानकारी के तहत माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने गंगा संरक्षण एवं जल प्रदूषण मुक्ति को पाठ्यक्रम में शामिल करने हेतु प्रस्ताव को तैयार कर लिया है। फिलहाल परिषद ने इस प्रस्ताव को हिंदी विशेषज्ञों की एक समिति के पास विचार करने हेतु भेजा है। fसमिति की मुहर लगने के बाद और परिषदीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने जानकारी दी कि गंगा संरक्षण का प्रस्ताव आने ही वाला है और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

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