कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिक भरण-पोषण योजना शुरू की है। जिसमें आज 24 मार्च को प्रदेश के 20 लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूरों के अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से 1 हजार रुपये की पहली किस्त भेजी गई।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सोशल डिस्टेंस बनाने और होम क्वारंटाइन के कारण लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है, जिसके लिए सरकार द्वारा यह व्यवस्था की जा रही है।
सीएम योगी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ सबको सहभागी बनाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने दैनिक श्रमिकों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था की है। सरकार रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को भी 1 हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दे रही है।
इसके लिए नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना कि शुरुआत 5 कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से की। इस दौरान उन्होंने चार श्रमिकों को प्रतिकात्मक तौर पर 1 हजार रुपये का चेक भी दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंत्योदय राशन कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धा अवस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिक और प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिकों को हम नि:शुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत 20 किलो गेंहू और 15 किलो चावल की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो लोग इससे वंचित हैं, उन्हें भी 1 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है और सभी जनपदों को पर्याप्त धनराशि भी भेजी जा चुकी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों की शिफ्ट में भी बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने आदेश दिए हैं कि अब सरकारी कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करेंगे। लॉकडाउन के दौरान छुट्टी को कार्यदिवस के तौर पर गिना जाएगा और सबको इसका वेतन भी मिलेगा।