गौतमबुद्ध नगर जिले में लापरवाही की वजह से हो रही है वैक्सीन की बर्बादी, जाने क्या है पूरा मामला

Ten News Network

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नोएडा :– गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिले में टीकाकरण तो कराया जा रहा है, लेकिन टीकाकरण जिस रफ्तार के साथ जनपद में होना चाहिए, उस रफ्तार के साथ नही हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ विभागीय अफसरों की लापरवाही के चलते तीसरे चरण के टीकाकरण में अप्रैल से अब तक 3,256 कोविशील्ड की डोज बर्बाद हो गई है।

 

जागरूकता के अभाव में लक्ष्य के सापेक्ष में लोगों के टीकाकरण केंद्र पर देरी और न पहुंचने के कारण ऐसा हुआ है। उधर, विभागीय अफसर निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के साथ ही दूसरी डोज के लिए लोगों को जागरूक करने में भी नाकाम नजर आ रहे हैं। जिसके कारण कई लोगो जिले में अभी तक दूसरी डोज भी नही लगी है।

 

अप्रैल महीने से ही जिले में 45 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने 3.24 लाख लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। कुल लक्ष्य के सापेक्ष 45 दिनों में अब तक 1.94 लाख लोग पहली और 66,522 दूसरी खुराक ले चुके हैं।

 

विभागीय अधिकारियों के सामने वैक्सीन का भी बड़ा संकट है। समय पर वैक्सीन की उपलब्धता न होने के चलते जिले के सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही टीका लगाया जा रहा है, जबकि कुछ निजी अस्पताल मार्केट से टीका खरीदकर लोगों को लगा रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक, कोविशील्ड और को-वैक्सीन का वायल आइसपैक से बाहर आने के बाद चार घंटे में खराब हो जाता है। कोविशील्ड के एक वायल में दस और को-वैक्सीन के एक वायल में बीस डोज होती है। लोगों को 0.5 एमएल डोज दी जा रही है। केंद्र पर देरी से पहुंचने और लोगों की संख्या कम होने के कारण डोज बर्बाद हो रही है।

 

स्वास्थ्य विभाग केंद्रों को स्लॉट बुकिंग के हिसाब से डोज मुहैया करा रहा है। देखा जाए तो वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के पास 45 वर्ष से अधिक लोगों के टीकाकरण के लिए कोविशील्ड की सिर्फ 13,700 और को-वैक्सीन की 5,130 ही डोज ही शेष बची है। दूसरी लहर के बाद टीकाकरण के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, लेकिन अब उन्हें स्लाट नहीं मिल रहा है।

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