यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने किया यमुना एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण, पहले चरण के कार्य मिले अधूरे
Saurabh Kumar
Greater Noida 7/9/12 यमुना एक्सप्रेस-वे पर आइआइटी के सुझावों के क्रियान्वयन का पहला चरण जेपी इंफ्राटेक अभी तक पूरा नहीं कर सकी है। एक्सप्रेस-वे के निकासी प्वाइंट पर ही रंबल स्ट्रिप लगाई गई हैं। आगरा में भी यही स्थिति है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस-वे पर किए गए कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने आइआइटी के सुझावों के मुताबिक कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण के दौरान जीरो प्वाइंट पर केवल उतरते समय ही रंबल स्ट्रिप लगी मिली, जबकि एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने एवं उतरने वाले दोनों मार्गों पर रंबल स्ट्रिप लगाने के निर्देश दिए गए थे। सीईओ ने मौके पर मौजूद जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों को चढ़ने वाले मार्ग पर रंबल स्ट्रिप लगाने के साथ ही उतरने वाले मार्ग पर अतिरिक्त रंबल स्ट्रिप लगाने के भी निर्देश दिए।
जहां तीव्र मोड़ की वजह से हुए हादसे में पिछले दिनों नोएडा की एक कंपनी के चार कर्मियों की मौत हो गई थी। इसके अलावा आगरा में कम रंबल स्ट्रिप मिलने पर उनकी संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। दुर्घटना बहुल क्षेत्र का बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।
एक्सप्रेस-वे पर कैट आई नहीं पाई गई, इसे आगामी 15 दिनों में लगाने के निर्देश दिए गए। एक्सप्रेस-वे पर पड़ने वालों पुलों पर मीडियन पर थ्री क्रैश बीम बैरियर का कार्य भी अधूरा मिला। जीरो प्वाइंट से जेवर टोल प्लाजा व आगरा क्षेत्र में ही कुछ जगहों पर क्रैश बीम बैरियर लगाए गए हैं। कंपनी ने अधिकारियों ने बताया कि क्रैश बीम बैरियर का कार्य जारी है, जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के मीडियन पर थ्री क्रैश बीम बैरियर लगाने के आइआइटी के सुझाव पर तय किया गया है कि पहले इसे पांच सौ मीटर के क्षेत्र में लगाकर परीक्षण किया जाएगा। सफल रहने पर इसे पूरे एक्सप्रेस-वे पर लगाया जाएगा।
दो टोल प्लाजा के बीच दूरी तय करने में लगे समय के आधार पर ओवर स्पीड चालकों के ऑटोमेटिक चालान काटने के लिए सॉफ्टवेयर में एक माह में बदलाव करने के निर्देश दिए गए। सीईओ ने तीन माह के दौरान ओवर स्पीड के 5400 मामलों में भी कार्रवाई करने के साथ ही बिना हेलमेट के 315 और नो पार्किंग जोन के वाहन खड़ा करने के 85 मामलों में भी कार्रवाई के निर्देश दिए।
टोल पर लगे साइन की दृश्यता ठीक न होने पर इसे दुरुस्त करने, एक्सप्रेस-वे पर बंद पड़े छह सीसीटीवी, नौ वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम, 15 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर स्पीड कैमरा, 164 इमरजेंसी कॉल बॉक्स, एक क्रेन व तीन नाइट्रोजन फिलिग स्टेशन को भी क्रियाशील करने के निर्देश दिए गए।