डिमांड लिस्ट बनाने मे समाज कल्याण विभाग के पसीने छूटे।

Galgotias Ad

ग्रेटर नोएडा। स्कॉलरशिप घोटाले की भेंट चढ़ी 2013-14 की स्कॉलरशिप के फंड को दुबारा शासन से मंगाने को लेकर समाज कल्याण विभाग को स्टूडेंट्स की वेनिफिशियरी लिस्ट बनाने में पसीने छूट रहे हैं। समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने लिस्ट सौंपने के बाद ही फंड जारी करने का निर्देश दिये है।
दरअसल, 2012-13 में स्कॉलरशिप वितरण में हुए घोटाले के मद्देनजर 2013-14 का फंड जिला प्रशासन से शासन को सरेंडर कर दिया था। इस फंड को दुबारा मंगाने का प्रयास किया जा रहे है। लेकिन फंड देने से पहले विभाग के निदेशक ने जिला समाज कल्याण विभाग से स्टूडेंट्स की वेनिफिशियरी लिस्ट मांगी है। विभाग को नए सिरे से डिमांड लिस्ट बनाकर शासन को भेजनी है, लेकिन आदेश मिले एक माह हो चुके हैं और अभी तक लिस्ट बनाने में कोई प्रगति नहीं हुई है। सूत्रों की माने तो स्टूडेंट्स की वेनिफिशियरी लिस्ट बनाने में विभाग के पसीने छूट रहे हैं। विभाग ने शुरूआत में फंड के लिए जो लिस्ट शासन को भेजी थी, उसका वेरिफिकेशन कराने के लिए कमिशनर एडीएम रैंक के अफसरों की 6 टीमें बनाई थीं। यह टीमें करीब छह महीने की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी हैं। लेकिन रिपोर्ट में यह साफ नहीं है कि कितने स्टूडेंट्स स्कीम के लिए अपात्र हैं। साथ ही जांच की पूरी रिपोर्ट भी विभाग को नहीं मिली है। वहीं, विभाग नए सिरे से डिमांड की लिस्ट भी नहीं बनाना चाहता है। सूत्रों की माने तो विभाग घोटाले के मद्देनजर नई लिस्ट बनाकर किसी तरह से फंसना नहीं चाहता है। लिहाजा अभी तक लिस्ट बनाने में कोई प्रगति नहीं हो सकी है। इस संबंध में समाज काल्याण अधिकारी करूणेश त्रिपाठी का कहना है कि विभाग लिस्ट बना रहा है। कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है।

Comments are closed.