पश्चिमी बंगाल से भटक कर आई किशोरी पहुंची सेल्टर होम.

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पश्चिमी बंगाल से भटक कर मानसिक तौर पर एक

बीमार किशोरी नोएडा आ पहुंची। किशोरी के पास पैसे

नहीं थे और किसी ने मदद भी नहीं की। लिहाजा

किशोरी को भूखे पेट पार्कों और सड़कों पर रात

गुजारनी पड़ी। एक पुलिस कर्मी की मदद से किशोरी एनजीओ

के पास पहुंची। एनजीओ ने सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत

किया और उसे सेल्टर होम भेज दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले एक किशोरी भटक कर

नोएडा पहुंच गई। उस किशोरी को एक एनजीओ ने

चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सामने प्रस्तुत किया। किशोरी

मानसिक तौर पर कुछ बीमार लग रही है और अच्छी तरह से

बोल भी नहीं पा रही है। जब वह सीडब्ल्यूसी के सामने

प्रस्तुत हुई, तो उसने टूटे फूटे शब्दों में बताया

कि वह पिछले 3 दिन से नोएडा में है। वह कैसे अपने

पैरेंट्स से बिछड़ गई और यहां पहुंच गई, उसे कुछ

भी मालूम नहीं है। किशोरी ने बताया कि वह पश्चिमी

बंगाल की रहने वाली है। लेकिन उसे अपने पैरेंट्स के

बारे में कुछ पता नहीं है। नोएडा पहुंचने के बाद

उसे कोई सहारा नहीं मिला और वह एक पार्क में बगैर

कुछ खाए रात गुजारी। अगले दिन भिख मांग कर कुछ खाया,

लेकिन पेट नहीं भरा और इस तरह 3 दिन तक पार्क और

नोएडा की फूटपाथ पर रात काटी। एक पुलिस कर्मी की नजर

उस पर पड़ी तो उसने एनजीओ को सौंप दिया। सीडब्ल्यूसी

अधिकारी विभा त्रिपाठी ने बताया कि किशोरी की मानसिक

हालत ठीक नहीं है। उसे सेल्टर होम में रख दिया गया है

और पैरेंट्स की तलाश की जा रही है।

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