हरियाणा सरकार का भ्रष्टाचार और साहूकार नीति – स्वराज अभियान

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स्वराज अभियान, हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री राम विलास शर्मा के खिलाफ तुरंत जांच की मांग करता है | हम मानते हैं कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को जाँच के दौरान अपने पद से हट जाना चाहिए, ताकि जाँच निष्पक्षता से की जा सके | स्वच्छ राजनीती की नैतिकता भी यही मांग करती है | हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री राम विलास शर्मा का नाम स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट लेने वाले लाभान्वित लोगों की लिस्ट में बताया गया है | हाई कोर्ट में लंबित एक केस में एक व्यक्ति ने हलफनामे के साथ एक लिस्ट पेश की है, जिसमें उन सब लोगों के नाम है जिन्होंने स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट लिए हैं, बावजूद कि वे इन प्लाटों को लेने के योग्य नहीं थे|  हमारी मांग है कि इस मामले कि तुरंत जाँच की जाये कि क्या राम विलास शर्मा के पास स्वैच्छिक कोटे से लिए एक से अधिक प्लाट हैं, यदि हाँ तो किस तरह से राम विलास शर्मा ने स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट अलॉट करवा लिया | जाँच के दौरान उन्हें तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिये|

दूसरा मामला यह है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने करनाल के सेक्टर 32-33 में प्लाट अलॉट किये जाने के लिए आवेदन मांगे व 24 नवम्बर 2014 तक ड्रा किया जाना था, जिस पर हाई कोर्ट ने स्टे कर दिया | अब आवेदन-कर्ता हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास जमा पैसे का ब्याज 10.25 प्रतिशत की दर से बैंको को देने को बाध्य हैं, मगर प्राधिकरण ने उन्हें उससे कहीं कम ब्याज 5.5 प्रतिशत की दर से देने का वादा किया है| हम मांग करते हैं कि करीब एक लाख आवेदकों (जिनका पैसा प्राधिकरण के पास रूका हुआ है) के ब्याज की अदायगी प्राधिकरण करे, क्योंकि पैसा उनके पास जमा है|

अधिकतर आवेदकों ने बैंको से पैसा उधार लेकर प्लाट के लिए आवेदन किया था| माननीय हाई कोर्ट ने एक याचिका पर अलॉटमेंट के लिए होने वाले ड्रा पर रोक लगा दी | जिसके चलते आवेदकों का पैसा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास रूक गया| नवम्बर 2014 तक का ब्याज तो आवेदकों ने दे दिया, मगर उसके बाद ब्याज देने को आवेदक बाध्य हो रहे हैं | प्राधिकरण उस पैसे पर साहूकार की तरह ब्याज कमा रहा है, हमारी जानकारी के अनुसार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने एक लाख आवेदकों से प्राप्त करीब 3500 करोड़ रूपया एक निजी बैंक के पास फिक्स्ड डिपोजिट करवाया है, जिस पर प्राधिकरण को लगभग 10 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है| हम हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे इस नीतिगत भ्रष्टाचार का विरोध करते हैं, जिसके सहारे प्राधिकरण आम जन को नुकसान पहुंचा कर नफ़ा कमा रहा है | जो अंतत: ताकतवर लोगों में लुटा दिया जाता है |

हरियाणा पिछले लम्बे समय से भ्रष्टाचार के जिन कारणों से चर्चा में रहा है, उनमें हरियाणा सरकार के अर्बन एस्टेट विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रमुख भूमिका रही है |  इस सब के चलते भू माफिया से लेकर अनेक पहुँच वाले लोग लाभान्वित रहे हैं | जमीन को अधिग्रहण किये जाने के नोटिफिकेशन जारी किये जाने व फिर वापिस लिए जाने से लेकर कुछ ख़ास लोगों द्वारा सी एल यूं प्राप्त कर उसी जमीन को महंगे दामों में बेच कर अरबों कमाने को लेकर अनेक मामले सामने आये हैं | अधिग्रहण की प्रक्रिया के बीच में ताकतवर लोगों की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त किये जाने का मामला भी हम सब जानते हैं | इस तरह की गतिविधियों के चलते कांग्रेस अध्यक्षा के दामाद रोबर्ट वाड्रा पर भी आरोप लगे हैं, जिनकी जाँच का इन्तजार आज भी हरियाण की जनता कर रही हैं |

प्राधिकरण द्वारा हाई कोर्ट को सोंपी गई लिस्ट में पूर्व विधायक, अफसर व अनेक ताकतवर लोगों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट प्राप्त किया है| इस सम्बन्ध में हरियाणा के अनेक हिस्सों में 379 एफ आई आर भी दर्ज की गई हैं | मगर स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट लेने वाले ताकतवर लोगों के खिलाफ अब भी एफ.आई.आर दर्ज नहीं की गई है |

माननीय पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में एक केस में स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट अलॉट किये जाने में हुई धांधली के मामले को उठाया गया था, जिसमें हाई कोर्ट ने 22 अक्टूबर 2013 को प्लाट अलॉट किये जाने में हुई हेराफेरी की जाँच के आदेश देते हुए कहा कि प्राधिकरण का प्रशासन लगातार स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करेगा | इस प्रक्रिया के दौरान प्राधिकरण ने उक्त लिस्ट माननीय हाई कोर्ट को सोंपी है | जिसमें हरियाण सरकार के मंत्री राम विलास शर्मा व अन्य उच्च पदस्थ लोगों के नाम शामिल हैं|

स्वराज अभियान समाज व प्रशासन में शुचिता लाने व आर्थिक, सामजिक व राजनीतिक स्वराज के लिये वचनबद्ध है | आर्थिक स्वराज के तहत हम हर रोज दिखाई देने वाले भ्रष्टाचार के साथ ही ढांचागत व नीतिगत भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए न्याय के सवाल को उठाना चाहते हैं|

स्वराज अभियान मांग करता हैं कि अदालत में केस लंबित रहते व जाँच के दौरान अन्य पार्टियों के नेताओं व मंत्रियों से इस्तीफा मांगने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने मंत्री राम विलास शर्मा से तुरंत इस्तीफा ले, जोकि नैतिकता का सवाल है | दूसरी तरफ निष्पक्ष जाँच के लिए भी यह जरूरी है | सरकार अपने अन्य अधिकारीयों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई करे |

स्वराज अभियान का संदेह है कि राबर्ट वाड्रा व अन्य कम्पनियों द्वारा कांग्रेस सरकार के समय जमीन लूट की धांधली के आरोपों को लेकर भाजपा सरकार इसी लिए सुस्ती दिखा रही है, क्योंकि उनके अपने मंत्री भी इस खेल में शामिल हैं |

स्वराज अभियान मांग करता है कि जमीन अधिग्रहण, या जमीन अधिग्रहण से मुक्त किये जाने, सी एल यू दिए जाने, सी एल यू लेकर अरबों का मुनाफा कमा, सी एल यू प्राप्त जमीन बेच देने वाले सभी मामलों की जाँच तुरंत करवाई जाये | इन मामलों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाये | यदि कोई अधिकारी या मंत्री इसमें संलिप्त पाया जाये तो उसे निलम्बित किया या इस्तीफा लिया जाये |

स्वराज अभियान हरियाणा कि भाजपा सरकार को याद दिलाना चाहता है कि आप किसान व खेती के सावालों के साथ ही जमीन घोटाले पर कार्रवाई करने का वादा कर सत्ता में आये हो | किसानों से किये वादे को भुला देने के बाद जमीन घोटालों की जाँच व कार्रवाई के मामले को टालना चाहते हो तो हरियाणा की जनता इसे सहन नहीं करेगी | स्वराज अभियान सरकार की वादा खिलाफी के मामले को जनता के बीच लेकर जायेगी |

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