यदि बिजली चोरी न हो तो षहर को भरपूर बिजली मिले-एनपीसीएल

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ग्रेटर नोएडा। बिजली चोरी करने के मामले में ग्रेटर नोएडा के गांव सबसे आगे हैं। गांवों में 70 से 80 फीसदी तक बिजली चोरी हो रही है। जिससे डिमांड के अनुसार एनपीसीएल द्वारा बिजली की आपूर्ति नहीं की जा पा रही है। ग्रामीण बिजली की डिमांड करते हैं, मगर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं लेते हैं।एनपीसीएल ग्रेटर नोएडा शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी बिजली आपूर्ति करता है। कंपनी के पास अभी 180 मेगावाॅट बिजली उपलब्ध है। जबकि, डिमांड 185 मेगावाॅट है। उसके बाद भी शहरी और औद्योगिक क्षेत्र में बिजली कटौती की जा रही है। जबकि, ग्रामीण क्षेत्र में कुछ गांवों को छोड़कर अन्य में 8 से 10 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है। वहीं, कंपनी को ग्रेटर नोएडा में 24 घंटे बिजली देने का लाइसेंस मिला है। ऐसे में समय-समय पर ग्रामीण कटौती का विरोध करते आ रहे हैं और 24 घंटे बिजली देने की मांग कर रहे हैं। जिस पर कंपनी ग्रामीणों को 24 घंटे बिजली देने का आश्वासन तो देता है। पर उसके बदले गांव में हो रही चोरी को रोकने शर्त रखता है। जिस पर ग्रामीण तैयार भी हो जाते है। लेकिन, उसके बाद न चोरी रूकती है और न ही 24 घंटे बिजली मिलती है। एनपीसीएल के मैनेजर समरजीत मोहंती ने बताया कि गांवों में सप्लाई हो रही बिजली में से 70 से 80 फीसदी बिजली चोरी हो रही है। उसमें भी लोग समय पर बिल जमा नहीं कर रहे। जब कंपनी कार्यवाही करती है तो, ग्रामीणों उसमें छुट मांगते है। उन्होंने बताया कि बिजली चोरी से कंपनी को हर महीने करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा है।

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