ग्रेटर नोएडा में इस बार ख़ास है दुर्गा पूजा, शारदीय सांस्कृतिक समिति ने की है यह तैयारियां
ABHISHEK SHARMA
ग्रेटर नोएडा स्थित कालीबाड़ी में बुधवार से दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन शुरू हो गया है। यह ग्रेटर नोएडा शारदीय सांस्कृतिक समिति की तरफ से किया जा रहा है। सप्तमी के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। साथ ही कलश स्थापना भी की गई। इस वर्ष कोरोना के चलते दुर्गा पूजा महोत्सव को लेकर विशेष तैयारियां हैं। भक्तों के लिए गेट पर सैनिटाइजेशन मशीन लगी है।
समिति के महासचिव मनिन्द्र मंडल ने बताया कि इस वर्ष सीमित संख्या में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है। पिछले वर्ष हजारों की संख्या में भक्त दुर्गा पूजा महोत्सव में शामिल होते थे, लेकिन इस बार यहां प्रतिबंध है। बुधवार शाम को प्रतिमाएं स्थापित की गई। पूजा समितियों की ओर से बंगाली समाज के रीति-रिवाज और पारंपरिक ढंग से बृहस्पतिवार को पूजन किया गया।
उन्होंने बताया कि शासन के दिशानिर्देशों के तहत यहां अधिक भक्तों के जुटने पर प्रतिबंध है। इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। समिति ने दुर्गा पूजा में प्रवेश के लिए दो महीने पहले ऑनलाइन पास व्यवस्था की थी। ऑनलाइन आवेदन करने वाले लोगों को विजिटिंग कार्ड दिया गया है, जिसे दिखाकर और कोविड के मानकों के अनुसार प्रवेश दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया किभक्तों के प्रवेश के लिए अलग-अलग टाइम स्लॉट बनाए हैं। जिसके तहत ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। एक बार में दो सौ लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। भक्तों के लिए शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए व्यवस्था है। खुले स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में 200 से अधिक व्यक्ति मौजूद नहीं रहेंगे।
वहीं कार्यक्रम में आने वाले व्यक्तियों का फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। हाथों को सैनिटाइज करने व शारीर का तापमान नापने के बाद ही लोगों को कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। हर दो घंटे में पूरे स्थल को सेनिटाइज़ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यहां पर प्रत्येक वर्ष सिंदूर खेला की रस्म भी अदा की जाती है, लेकिन कोरोना के चलते इस रस्म को अदा नहीं किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि 9 दिन मायके में रहने के बाद मां अपने ससुराल जाती हैं, इसके पूर्व महिलाएं पान के पत्ते में सिंदूर डालकर मां की मांग भरती है। उसके बाद वही सिंदूर वे एक-दूसरे को लगाती है। दुर्गापूजा के पूरे 9 दिन में यह रस्म सबसे खूबसूरत होती है जिसके साथ भावनात्मक रूप से सभी जुड़े होते हैं।