किश्त न जमा करने वाले आवंटियों की बढ़ेगी मुश्किलें ग्रेटर न¨एडा ;सतेन्द्र सिंह

Galgotias Ad

विभिन्न सेक्टरों में किश्त न जमा करने वाले आवंटियों की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है। प्राधिकरण ने अपनी तरफ से राहत तो प्रदान कर दी है, मगर अभी किश्त जमा करने को लेकर आवंटी गंभीर नहीं है। लिहाजा आवंटियों का आवंटन रद्द होने के आसार बढ़ गए हैं।
बता दें कि प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडो के सैकड़ों आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने किश्तें देनी बंद कर दी है। प्राधिाकरण इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विभिन्न बैंकों का 6250 करोड़ रुपये प्राधिाकरण पर कर्ज है। इसे चुकाने के लिए प्राधिकरण ने अब आवंटियों पर बकाया किश्तों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण को 31 मार्च तक करीब 4600 करोड़ आवंटियों से मिलने हैं। समय पर किश्त जमा न करने वाले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए प्राधिाकरण ने दो माह पहले साढ़े बारह सौ आवंटियों के भूखंड आवंटन रद्द कर दिए थे। करीब ढाई हजार को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। आवंटियों ने चेयरमैन व सीईओ रमा रमण को पत्र देकर आवंटन को बहाल करने की मांग की थी। इस प्रस्ताव को प्राधिकरण बोर्ड के सामने रखा गया था। जिसमे आवंटियों को राहत दिया गया था। प्राधिकर ण ने 40 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के आवंटियों से आवंटन दर पर एक फीसद जुर्माना वसूलने का फैसला लिया था। प्राधिकरण की माने तो आवंटियों द्वारा किश्त भुगतान में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। आवंटियों को राहत दिए दस दिन हो चुके हैं और अभी तक रिस्पांस अच्छा नहीं है। डीसीईओ मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि जिन आवंटियों द्वारा किश्त नहीं जमा किया जाएगा और प्राधिकरण की राहत समयावधि समाप्त हो जाएगी, उन्हें दुबारा मौका नहीं मिलेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.