PEGASUS CASE: जासूसी मॉडल का इस्तेमाल चुनाव व ईवीएम हैक के लिए होने की संभावना, न्यायिक जाँच हो- अनिल चौधरी

Ten News Network

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ‘ऐम्नेस्टी संस्था’ और फ्रेंच मीडिया कम्पनी ‘फॉर्बिडेन स्टोरीज’ द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार द्वारा अपने ही नागरिकों की जासूसी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इजरायली निगरानी स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से जासूसी रैकेट चला रही है। विकास के लिए तथाकथित गुजरात मॉडल की बात करने वाले लोग आज सरकार में बैठ गुजरात का जासूसी मॉडल अपना 50 साल सत्ता में रहने का दावा कर रहे है।

 

अनिल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पेगासस‘ स्पाइवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, पत्रकारों, शिक्षाविदों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए किया है। बीजेपी जिसे ‘भारतीय झूठी पार्टी’ कहा जाता है इस घटना के बाद अब ‘भारतीय जासूस पार्टी’ बन गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जहाँ निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है वही मोदी सरकार इसमें घुसपैठ कर महिला पत्रकारों को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रही है।

 

चौधरी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जासूसी की बात सामने आ रही है उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी व उनके दो करीबी सहयोगी अलंकार सवाई और सचिन राव के नम्बरों की जासूसी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा राफेल घोटाले में क्लीन चीट प्राप्त करने की मंशा से भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की भी जासूसी हुई। उन्होंने हैरानी जताई कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था उस महिला के इस्तेमाल किये गए तीन फोन नंबर भी शामिल है।

 

उन्होंने कहा कि पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की भी जासूसी कराई गई। मोदी सरकार ने स्पाइवेयर ‘पेगासस‘ का इस्तेमाल भारत की संसद के 2019 के आम चुनावों में सेल फोन हैक करने के लिए भी किया था। उन्होंने कहा कि भारत की जनता में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर काफी आशंका थी कि इसे हैक किया जा रहा है, आज जिस प्रकार से सॉफ्टवेयर के जरिये लोगों के फोन की जासूसी की बात सामने आ रही है इससे शक अब भरोसे में बदल गया है। उन्होंने कहा कि अब स्पष्ट है कि किस प्रकार से भाजपा आईटी सेल को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषणा होने के पूर्व ही मालूम हो जाता है।


Discover more from tennews.in: National News Portal

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave A Reply

Your email address will not be published.