गलगोटिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सूचना प्रसारण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने हिंदी के बिना हिंदुस्तान अधूरा है

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GREATER NOIDA TENNEWS REPORTER LOKESH GOSWAMI 

गलगोटिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे  में दुनिया में हमारे उच्च शिक्षा क्षेत्र का तीसरा स्थान है। अमेरिका और चीन के बाद भारत का स्थान है। मंगलवार की सुबह ही हमारी कैबिनेट ने प्रबंधन शिक्षा बिल पारित किया है। हमारा मकसद भारतीय प्रबंधन शिक्षा को अव्वल बनाना है। मंगलवार को शहर की गलगोटिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सूचना प्रसारण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने यह बात कही।शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहाए हमारी शिक्षा प्राचीन काल से स्वर्णिम रही है। अब दोबारा हम उस स्वर्णिम काल को हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को हमारे प्रधानमंत्री ने यह जिम्मेदारी दी है। एम वेंकैया नायडू ने कहाए इंफॉर्मेशन विद कन्फर्मेशन इज ए ग्रेट एम्युनिशन। विदेश जाइये और पढ़कर वापस आइये। अपने देश को संवारिये। रिफॉर्मए परफॉर्म एन्ड ट्रानफॉर्म हमारा मकसद है। हम शिक्षाए आधारभूत ढांचे नौकरियों और उत्पादकता पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने छात्रों से मेकिंग ऑफ़ इंडिया मूवमेंट में शामिल होने की अपील की।छात्र ही हमारी सारी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।नायडू ने छात्रों से कहाए यह सोचें हमारे देशए समाज और संस्कृति के लिए क्या जरूरी है। क्या अफजल गुरू जैसे लोगों को समर्थन नहीं करेंगे। देश के बारे में सोचें। मेहनत से बड़ा कुछ नहीं है। दो बड़े उदाहरण आपके सामने नरेंद्र मोदी और कलाम साहब हैं। एक अख़बार बेचता था और दूसरा चाय बेचता था।चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहाए दीक्षांत समारोह छात्रए शिक्षक और संस्थान के लिए बड़े फक्र की बात होती है। आज से हमारी मेहनत का परीक्षण शुरू होता है। लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि शिक्षा कभी ख़त्म नहीं होती हैए यह पूरे जीवन चलने वाली प्रक्रिया है। सफलता का मतलब धनवान बन जाना नहीं है। सफलता का सही अर्थ आपकी और आपके आसपास के लोगों की ख़ुशी में निहित है। सफलता का कोई फ़ास्ट लेन और शार्ट कट नहीं होता है। ऐसा करने वाला व्यक्ति कुछ समय के लिए आगे दौड़ सकता है लेकिन लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता है।शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने 1530 छात्र.छात्राओं को डिग्रियां दी हैं। इनमें इंजीनियरिंग की 10 शाखाओं के छात्र शामिल हैं। बीटेक के अलावा एमटेकए एमबीए और मानविकी विभाग के स्नातक और परास्नातक छात्र. छात्राओं को डिग्रियां दी गई हैं। यूनिवर्सिटी की वार्षिक रिपोर्ट प्रो.चांसलर रेनू लूथरा ने पेश की। दीक्षांत समारोह में गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटियाए पद्मिनी गलगोटियाए आरुषि गलगोटिया मौजूद रहे। 1970 में मिली थी मुझे डिग्री वेंकैया नायडू ने अपने शिक्षा के दिनों को याद करते हुए बताया मुझे भी 1970 में डिग्री मिली थी। यह दिन कोई छात्र पूरे जीवन नहीं भूल सकता है। आज का दिन इस संस्थानए छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़े मायने रखता है।धर्म हमारी पसन्द हैए संस्कृति पुरखों से मिली है वेंकैया नायडू ने कहा हम धर्म की पसंद रख सकते हैं। लेकिन संस्कृति की चॉइस नहीं होती। संस्कृति हमें हमारे पुरखों से मिली है। इसे हम बदल नहीं सकते हैं। इसे संरक्षित रखने की हमारी जिम्मेदारी है।हिंदी के बिना हिंदुस्तान में कुछ नहीं हो सकता शहरी विकास मंत्री ने कहाए अपनी मातृ भाषा में बोलिए। अपने परिवारए पड़ोसी और दोस्तों से हिंदी और अपनी क्षेत्रीय भाषा में बोलिए। भारत में हिंदी के बिना कुछ नहीं हो सकता। मम्मीए डैडी को छोड़िए अम्मा और पिता को अपनाइये। जब भारत में चीन और रूस के राष्ट्रपति आते हैं तो अपनी भाषा में बोलते हैं। 500 का नोट गायब तो कश्मीर में पत्थरबाजी बंद नायडू ने छात्रों के सामने नोटबंदी की जरूरत को भी बताया। कहाए देश में आतंकवादए मानव तस्करीए नक्सलवाद और भ्रष्टाचार में हमारा पैसा लगाया जा रहा था। जब से 500 और 1000 का नोट बंद हुआए तब से कश्मीर में पत्थरबाजी बंद हो गई है। डिजिटल इकोनॉमी में छात्र बड़ा सहयोग दे रहे हैं। वंशवाद देश के लिए बर्बादी का कारण है सूचना प्रसारण मंत्री ने कहाए वंशवाद देश और समाज के लिए बर्बादी का कारण है। राजनीतिए शिक्षाए चिकित्सा या किसी भी क्षेत्र में वंशवाद नहीं होना चाहिए। मैं मामूली किसान परिवार से हूंए कोई गांधीए नेहरू और टैगोर मेरे पीछे नहीं था। जिन अटल बिहारी  वाजपेयी के लिए अपने गांवों में माइक पर ऐलान करता थाए उन्हीं के बीच बैठकर पार्टी की अध्यक्षता की।

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