ग्रेटर नॉएडा की औधोगिक विकास प्राधिकरण बोर्ड की 106 वी बैठक में लिए गये निर्णय

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GREATER NOIDA REPORTER LOKESH GOSWAMI

ऐसी औद्यौगिक इकाइयों, जिनकी लीजडीड निष्पादित नहीं कराई गई है, उनको निर्धारित विलम्बशुल्क के साथ दिनांक 30.11.2016 तक का समय लीजडीड निष्पादन हेतु तथा अक्रियाशील इकाइयों को अंतिम अवसर प्रदान करते हुऐ दिनांक 31.03.2017 तक निर्धारित विलम्बशुल्क के साथ क्रियाशील कराये जाने का निर्णय लिया गया है ।
ग्रेटर नौएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की वर्तमान औद्योगिक नीति-2013 के अन्तर्गत कतिपय विषयों में नियम/शर्तो में संशोधन किये जान का निर्णय लिया गया है।
नौएडा व ग्रेटर नौएडा के मध्य हिन्डन नदी पर 4 नये सेतुओं का निर्माण किये जाने का निर्णय लिया गया है।
नौएडा-ग्रेटर नौएडा मेट्रो सिस्टम परियोजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु मै0 एनएमआरसी को भूमि प्रापर्टी डेवलपमेन्ट एवं पार्किग हेतु उपलब्ध करये जाने का निर्णय लिया गया है।
आवासीय सम्पत्ति/ग्रुप हाउसिंग योजना/को-आपरेटिव सोसाइटीज के अन्तरण ज्ञापन की तिथि से 90 दिन के बाद अंतरण प्रलेख निबन्धन कराये जाने हेतु समय विस्तरण हेतु पालिसी निर्धारित किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। 
वर्ष 2016-17 हेतु प्राधिकरण की विभिन्न भू-उपयोगों हेतु निर्धारित आवंटन दरों का वर्ष 2016-17 की अवशेष अवधि में यथावत रखने का निर्णय लिया गया है।
संस्थागत परिसम्पत्तियों पर लीजडीड निष्पादन करने हेतु दिनांक 01.07.2016 से 31.12.2016 तक समय विस्तरण वर्तमान में प्रचलित आवंटन दर से भूखण्ड के कुल प्रीमियम पर 1 प्रतिशत प्रतिमाह के अनुसार बिलम्ब शुल्क सहित अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है।  
पिछले कुछ वर्षो में रियल स्टेट में आर्थिक मंदी होने से इस क्षेत्र में कई सम्स्यायें उत्पन्न हो गयी हैं। बिल्डर्स मांग में गिरावट आने के कारण वित्तीय तरलता की कमी से प्रभावित हो गये हें, जिसका प्रभाव सीधे वायर्स/क्रेता पर पड रहा है और प्राधिकरण को धनराशि भी नही मिल पा रही है।
इन समस्यायों के निराकरण के लिए  तीनो प्राधिकरण द्वारा Project Settlement Policy (PSP)  लाई जा रही है जिससे बायर्स का हित सुरक्षित किया जा सके एवं  प्राधिकरण को भी अतिदेय धनराशि प्राप्त हो सकें। अतः निम्नलिखित प्रस्तावों फर बोर्ड ने अनुमोदन प्रदान किया जिसे शासन को प्रेषित कर शासन के अनुमोदनोपरान्त लागू किया जायेगाः-
1. जहाँ वायर्स की रजिस्ट्री नही हो पा  रही है उनसे अनुपातिक धनराशि जमा कर वायर्स के द्वारा लीज-डीड करायी जा सकेगी।
2. जो फरियोजनापूर्ण  नहाीं हो पा  रही है उनमें Co-developers  लाकर परियोजना को पूर्ण कराया जायेगा।
3. सभी फरियोजना जो इस  Policy  के अन्तर्गत आयेगी उनमें सभी को Escrow Account  खुलवाकर यह सुनिाश्चित किया जायेगा कि प्रोजेकक़्ट में आने वाली धनराशि केवल उसी प्रोजेकक़्ट के लिऋ खर्च हो।
4. जिन परियोजना में केवल आाशिंक कार्य हुआ है उनमें जितनी भूमि फर Thrid Party Right Create नही हुआ  है उससे Exit कराया जायेगा।
5. जिन प्रोजेकक़्ट में कोई कार्य नही हुआ है उनको Cancel कर वाफस किये जाने वाली धनराशि को द्महद्धदृध्र् ऋहहदृद्वदद्य्  में जमा कर वायर्स का Escrow Account   वापस किया जायेगा।
6. जहाँ डिफाल्ट के कारण डवलफर्स आगे कार्य नहीं  कर फा रहे है उन्हें रि- शेड्यूलमेंट  का  Principal Amount  खुलवा कर आगे फरियोजना को गतिमान करना शामिल है।
संस्थागत परिसम्पत्तियों पर लीजडीड निष्पादन करने हेतु दिनांक 01.07.2016 से 31.12.2016 तक समय विस्तरण वर्तमान में प्रचलित आवंटन दर से भूखण्ड के कुल प्रीमियम पर 1 प्रतिशत प्रतिमाह के अनुसार बिलम्ब शुल्क सहित अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है।
 
पिछले कुछ वर्षो में रियल स्टेट में आर्थिक मंदी होने से इस क्षेत्र में कई सम्स्यायें उत्पन्न हो गयी हैं। बिल्डर्स मांग में गिरावट आने के कारण वित्तीय तरलता की कमी से प्रभावित हो गये हें, जिसका प्रभाव सीधे वायर्स/क्रेता पर पड रहा है और प्राधिकरण को धनराशि भी नही मिल पा रही है।
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