भारतीय किसान यूनियन आ अपनी मागो को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते पदाधिकारी

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 GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI 

ग्रेटर नोएडा के स्वर्ण नगरी सेक्टर में आयोजित बैठक में नरेश चपरगढ़ ने कहा कि सरकार दो वर्ष पहले ही 64.7 फीसद मुआवजा देने की अनुमति दे चुकी है। प्राधिकरण किसानों को मुआवजा वितरण के लिए तैयार नहीं है। हाईकोर्ट में याचिका लंबित होने का बहाना बनाकर किसानों का मुआवजा रोक रखा है जबकि प्राधिकरण इसके लिए स्वयं जिम्मेदार है। अधिकारी आबादी के मामलों का निस्तारण नहीं कर रहे हैं। मजबूरी में किसानों को हाईकोर्ट में याचिकाएं लगानी पड़ी हैं। दस फीसद आबादी भूखंड को लेकर भी प्राधिकरण का रवैया अनदेखी भरा है। अगर अधिकारी सकारात्मक रुख से वार्ता करें तो समस्या का समाधान हो सकता है।साथ ही  ग्रेटर नोएडा में भारतीय किसान यूनियन अंबावता गुट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की  एक सितंबर को यमुना प्राधिकरण के खिलाफ सलारपुर अंडरपास पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा जिसमे क्षेत्र के किसान शामिल रहेंगे ।भारतीय किसान यूनियन अंबावता संगठन ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए तैयार नहीं हे । किसानों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण जिन गांवों में जमीन अधिगृहीत कर चुका है, उसमें विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं किया गया है । तालाब, सीवर, नाली, प्राथमिक विद्यालय का नवीनीकरण, खेल का मैदान आदि का कोई कार्य नहीं हुआ  है। सात फीसद आबादी भूखंड पर दस फीसद के हिसाब से शुल्क वसूल किया जा रहा है। यह किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। किसानों ने उद्योगों में नौकरी समेत अस्पताल व शिक्षा संस्थान में भी आरक्षण की मांग की।प्राधिकरण के खिलाफ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।इस मौके पर जग्गी पहलवान, नरेंद्र कसाना, यशराम प्रमुख, गजब प्रधान, कृष्ण नागर, प्रकाश भाटी, जतन भाटी, ब्रजेश, आलोक नागर, संजीव, ब्रजपाल भगत, राजेंद्र व लीलू बैंसला आदि शामिल थे।

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