अध्यात्म से जुड़ना था मेरे लिए स्वभाविक, टेन न्यूज़ के ‘फेस टू फेस’ कार्यक्रम में बोले गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ मार्कंडेय आहूजा

Rohit Sharma

Galgotias Ad

नई दिल्ली :– देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 12,881 नए केस सामने आए हैं और 334 लोगों मौत हो गई है। इसके साथ ही देश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 3,66,946 हो गई है। इनमें 1,60,384 केस सक्रिय हैं और 1,94,325 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। देश में कोरोना की चपेट में आकर अब तक 12,237 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस लॉकडाउन में टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है , साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि टेन न्यूज़ नेटवर्क ने “फेस 2 फेस” कार्यक्रम शुरू किया है , जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है।

वही “फेस 2 फेस” कार्यक्रम में गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलपति मार्कण्डेय आहूजा ने हिस्सा लिया।वही इस कार्यक्रम का संचालन कपिल कुमार ने किया । आपको बता दे की कपिल कुमार बहुत ही मशहूर कवि , अभिनेता और लेखक भी है | उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से भारत के साथ साथ विदेशों में भी अपना नाम रोशन किया है | कपिल कुमार शो में कपिल कुमार ने बड़े विद्वानों व मशहूर लोगों से महत्वपूर्व विषयों पर चर्चा की , जिसको लोगों ने खूब सराहना की है | कपिल कुमार ने गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ मार्कण्डेय आहूजा से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न किए |

 

फेस 2 फेस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा  , आजमगढ़ के डीएम एनपी सिंह , दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी , दिल्ली के सांसद हंसराज हंस शामिल हो चुके है । साथ ही इस कार्यक्रम के माध्यम से दिल्ली की जनता के सवालों का जवाब भी दिया।

आपको बता दे कि मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय (आइजीयू) में नए कुलपति पद पर डॉ. मार्कंडेय आहूजा ने कार्यभार संभाला हैं |  प्रसिद्ध चिकित्सक शिक्षाविद् डॉ. आहूजा ने आइजीयू के कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार संभाला। वे गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं।

खासबात यह है कि कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कुलसचिव डॉ. मदनलाल गोयल सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने मिलजुलकर साथ काम करने, आगे बढ़ने तथा बेहतर शिक्षा के लिए काम करने का आह्वान किया।

उन्होंने बताया कि महिला छात्रावास, इंडोर स्टेडियम व शैक्षणिक ब्लॉक का अति शीघ्र निर्माण कराना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने पूर्व कुलपति प्रो. एसपी बंसल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

डॉ. मार्कंडेय आहूजा रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में कुलपति रह चुके हैं। वे आइजीयू, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक तथा पं. भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कार्यकारिणी परिषद के सदस्य हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व विख्यात तथा डॉ. आहूजा विभिन्न चिकित्सीय संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं। डॉ. आहूजा नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं।

वे प्रबंधक, विज्ञान एवं तकनीक से जुड़ी कई शोध पत्रिकाओं के संपादक भी रहे हैं। वर्ष 2014 तथा 2015 में महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य करने के लिए हरियाणा सरकार तथा राज्यपाल द्वारा अवार्ड से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का द्रोणाचार्य पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने पोलियो, एड्स निराकरण जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में अपना विशेष योगदान दिया है।

बता दे कि राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र प्रकाशित हुए तथा विभिन्न पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में 500 से अधिक लेख प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने 15 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की है। तथा इसके अतिरिक्त विभिन्न विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के व्यक्तित्व व अध्यात्मिक विकास तथा सामाजिक सरोकारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर 2000 से अधिक वार्ताएं की है।

उन्होंने कहा की लॉकडाउन के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत देश को बढ़े अनर्थ रास्ते से बचा लिया है। अगर लॉकडाउन नहीं किया जाता तो आज हमारे देश की स्थिति अन्य देशों की तरह होती। अन्‍य देशों की तुलना में हमारा देश बहुत बेहतर स्थिति में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी हरियाणा सरकार कोरोना के खिलाफ मजबूती लड़ रही है ।

जब तक वैज्ञानिक कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं बना लेते, तब तक हमें इसे बचने के लिए दो गज की दूरी बना कर रखनी होगी। मतलब संक्रमण से बचाव के लिए हमें सोशल डिस्‍टेंसिग के साथ टीका विकसित होने तक पालन करना होगा। देशों की तुलना में बहुत बेहतर है।

उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने मेरा नाम मार्कण्डेय आहूजा इसलिए रखा क्योंकि मेरे नाना का नाम था । साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पिता के पिता जी का बहुत जल्दी स्वर्गवास हो गया था, मेरे पिताजी को मेरे नाना जी ने ही पाला था , जिनको हमेशा याद करने के लिए मेरा मार्कण्डेय  रखा ।

उन्होंने कहा कि मेरी शुरू से ही इच्छा थी कि में आंखों का स्पेशलिस्ट बनो , मेरे घर मे आँखों के सर्जन थे , जिनको में देखता था कि मेरे परिवार के लोग कितनी सेवा करते है , बहुत सी जगहों पर कैम्प लगाकर लोगों की सेवा की । अँधों को ज्योति देना , बहुत नेक काम माना जाता था , वही प्रेरणा लेकर में आखों का स्पेशलिस्ट बना।

उन्होंने कहा कि मेरे हाथों की रेखा देखते हुए ज्योतिषी बोलते थे कि में भारत मे नही रहूँगा , में सात समुंदर पार रहूँगा , लेकिन मैंने अपने पिताजी की इच्छा को पूरा किया । में सात समुंदर पार न रह कर अपने देश मे रहते हुए भारतीय लोगों की सेवा कर रहा हूँ। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय होना और भारत मे रहना गर्व की बात है ।

मुझे लगता है कि वैज्ञानिक भी अंततः  स्पिरिचुअलिटी में समा जाते है । क्योंकि आप कितने ही बड़े वैज्ञानिक है उनकी जीवनी पढ़े जिसने निकले बम बनाया उसने भी गीता पढ़ी आइंस्टीन ने वैद्य पढ़े और मैडम क्यूरी ने भी गीता और वैद्य पढ़े । आप देखें जो भी खोज साइंस की है वह कहीं ना कहीं अचेतन से आई है सबकुछ यही है ।

सभी आध्यत्म से ही जुड़ा हुआ है, कोई नया नही बना है । गुरुत्वाकर्षण को वैज्ञानिक ने नही बनाया है , वो पहले से ही पृथ्वी पर था , लेकिन गुरुत्वाकर्षण को ब्लैक एंड व्हाइट किया वो न्यूटन किया , मतलब उसको सही तरीके से रूप दिया ।

कुलपति डॉ मार्कण्डेय आहूजा ने कहा कि अध्यात्म से जुड़ना मेरा स्वाभाविक था , क्योंकि बचपन से ही मेरी दादी घर में भगवान का पाठ करती थी , तो गोदी में बैठे बैठे बहुत सी लाइन याद हो गई । मेरे पिताजी आंवला में स्थित वीर जी कुटिया थी , वहाँ ले जाते थे , गीता का पाठ करते थे , प्रवंचन सुन्नते थे , धीरे-धीरे आध्यत्म से जुड़ने लगा ।

हरियाणा के मुख्यमंत्री जी ने मुझसे आग्रह किया कि गुरुग्राम यूनिवर्सिटी को आप सम्भाले , उनकी बात को कोई भी टाल नही सकता । आज में गुरूग्राम यूनिवर्सिटी में कुलपति पद पर कार्यरत हू।

डॉ मार्कण्डेय आहूजा ने कहा कि फिजियो अपने आप में ही जीवन की परिभाषा है आप अपने काम के प्रति ईमानदार रहे, काम करने का जूनुन हो तभी आपको सफलता हासिल होगी। वैसे लोग समझते हैं कि दवा की गोली खा लेने से दर्द छू मंतर हो जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं है। कुछ देर के आराम के बाद फिर दवा पर आप निर्भर हो जाते हैं जोकि हमारे शरीर के लिए सही नहीं है। दरअसल हमारे शरीर की क्षमता में ही शरीर का इलाज छुपा है। इसे फिजियोथेरेपी पद्धति ने पहचाना और लोगों का इलाज बिना दवा-गोली के होना शुरू हुआ।

डॉ मार्कण्डेय आहूजा ने कहा कि जब शरीर की सहनशीलता नहीं रहती है तो वह तरह-तरह की बीमारियों व दर्द की चपेट में आ जाता है। फिजियोथेरेपी को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर दवाइयों पर निर्भरता कम करके हम स्वस्थ रह सकते हैं।

उन्होंने कहा की आत्मनिर्भर भारत पर हमने यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार किया था । वेबिनार का विषय आत्मनिर्भर भारत रखा गया। जिसमें बताया गया कि हम क्या थे, क्या हैं और क्या होंगे। दो दिवसीय इस राष्ट्रीय सेमिनार में कई विश्वविद्यालयों के कुलपति जुड़े। जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत विषय पर छात्रों को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया।

वेब संगोष्ठी के छह सत्र हुए। पहले सत्र की शुरुआत गुड़गांव यूनिवर्सिटी के मेने की थी । उन्होंने कहा कि राष्ट्र की युवा शक्ति आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक मजबूत स्तंभ है। हमारे छात्रों को महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए उनमें आत्मबल था तभी वे सशक्त व आत्मनिर्भर बन पाए।

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