’’आई. टी. एस. इंजीनियरिंग काॅलेज ग्रेटर नौएडा को ‘‘बेस्ट इंन्स्टीटृयूट फार प्रोमोटिग इंण्डस्ट्री- एकडमिक का पुरस्कार’’

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आई.टी.एस- द एजूकेशन ग्रुप द्वारा संचालित संस्थान आई.टी.एस. इंजीनिंयरिंग काॅलेज ग्रेटर नौएडा को ‘‘बेस्ट इन्स्टीटृयूट फार प्रोमोटिग इंण्डस्ट्री‘‘ का पुरस्कार प्रदान किया गया है।
यह पुरस्कार नई दिल्ली के दि ललित पर आयोजित ‘‘फेडेरेशन आॅफ इण्डस्ट्री एण्ड सर्विस के तत्वाधान में राष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘मेक एन इण्डिया एण्ड एजूकेशन इण्डिया मे उच्च शिक्षक संस्थानों के योगदान‘‘ के लिये दिया गया।
संस्थान की तरफ से यह पुरस्कार संस्थान के निदेशक डा. विनीत कंसल ने ए.आई.सी.टी.ई. के चेयरमेन डा. अनिल सहर्षबु़द्वे द्वारा प्राप्त किया गया। इस अवसर पर कई तकनीकी क्षेत्रों के विशेषज्ञ और शिक्षाविर्दि जैसे जनरल सिक्रटरी एफ.आई.टी.एस. श्री आर के भसीन, इण्डियन इन्स्ट्रयूट आंफ फाइनेंस एव एफ.आई.टी.एस. नेशनल काउंसिलग आॅफ हायर एजूकेशन के उपाध्यक्ष डा. अनिल कुमार नासा, केनरा बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक श्री आर. के दुबे एवं ओ.बी.सी एंड ई. डी. के पूर्व मुख्य प्रबंध अधिकारी श्री बी. डी नारंग आदि उपस्थित रहें।
आई.टी.एस इंजीनियरिंग काॅलेज ग्रेटर नोएडा ने यह पुरस्कार कई तकनीकी संस्थानों के साथ हुए कठिन प्रतिस्पर्धा में जीता है।
संस्थान के निदेशक डा. कंसल ने पुरस्कार पाने पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि संस्थान का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि छात्रों को पाठ्यक्रम की पढाई के अतिरिक्त वर्तमान में बाजार के माँग के अनुसार उन्हे तकनीकी रूप से दक्ष करने हेतू अलग से प्रशक्षित किया जाय।
इसके लिए संस्थान में विद्याथियों हेतू ”सेंटर आॅफ इंक्सैलेस‘‘ की स्थापना की है। जिसके माध्यम से देश विदेश की कई ख्यातिप्राप्ति कम्पनिया जैसे, एप्पल, राॅकवेल, एल.एम.सी. साफ्टवेयर टेस्टिंग (साल्ट) इंण्डिया टेस्टींग बोर्ड आदि के विशेषज्ञों द्वारा संस्थान में ही विशेष रूप से तकनीकी शिक्षा उपल्बध कराई जाती है। इन आधुनिक प्रयोगशालाओ के द्वारा आज हम बाजार की माँग को कौशल से पूर्ण लोगों के द्वारा पुरा किया जा रहा है।
विद्यार्थियों के सर्वार्गीण विकास के लिए स्वरोजगार हेतू लघु एवं कुटीर उद्योग लगाने के तरीके, सेमिनार कान्फ्रेंस, एव संबधित विशेषज्ञों द्वारा नियमित व्याख्यान संस्थान द्वारा आयोजित किया जाता रहता है।
संस्थान का हमेशा यह प्रयास रहता है कि वह अपने छात्रों को बहेतर से बहेतर तकनीकी दक्षता प्रदान कराये, जिससे कि भविष्य में छात्रों को अच्छी से अच्छी रोजगार की प्राप्ती हो या फिर वे अपना स्वयं का कोई रोजगार स्थापित करते हुए देश के विकास में अपना अहम योगदान प्रदान करें।

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