जेपी हॉस्पिटल में नेत्रदान से दो लोगों को मिली नई आंखें
GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI
15 लाख मरीजों को कॉर्नियल प्रत्यारोपण की जरूरत है और प्रत्यारोपण करीब 25 से 30,000 मरीजों का ही संभव हो पाता है।अभी हाल ही में अंग प्रत्यारोपण चिकित्सा में जेपी हॉस्पिटल ने एक उल्लेखनीय कार्य किया था। गाज़ियाबाद निवासी 74 वर्षीय पवन कुमार के ब्रेन डेड हो जाने पर उनके परिवार की इच्छानुसार पवन कुमार के अंगों से तीन लोगों को जीवनदान दिया था। एक बार फिर जेपी हॉस्पिटल में एक महिला मरीज के परिवारवालों ने मरीज की स्वाभाविक मृत्यु हो जाने के बाद उनके नेत्रों का दान करने जैसा सराहनीय कार्य कर दो लोगों के जीवन में नई रोशनी भर दी है।महिला का नाम कमला गुप्ता है। 79 वर्षीय यह महिला दिल्ली के मयूर विहार की रहने वाली थी। महिला के निधन के बाद उनके दोनों संतानों (बेटा राकेश गुप्ता एवं बेटी संता गुप्ता) ने तुरंत जेपी हॉस्पिटल प्रबंधक से उनकी आंखों को दान करने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद जेपी हॉस्पिटल प्रशासन ने ‘नोटो’ (राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) को इस बारे में बताया एवं ‘नोटो’ के सलाहनुसार दोनों कॉर्निया को स्थानीय एक हॉस्पिटल की मदद से जरूरतमंद लोगों को दान दे दिया गया।जेपी हॉस्पिटल के नेत्र विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार कॉर्निया आंख की पुतली पर एक पारदर्शी फिल्म के समान होता है। दृष्टिहीनता का एक बड़ा कारण कार्निया की खराबी है। कॉर्निया में खराबी जन्मजात या चोट, बीमारी या पोषक तत्वों की कमी से हो सकती है। कॉर्निया प्रत्यारोपण में अपारदर्शी कार्निया को निकालकर पारदर्शी कार्निया लगा दिया जाता है। मृत्यु के छह घंटे के भीतर कॉर्निया निकालना जरूरी है।हमारे देश में प्रति हजार शिशुओं में 9 शिशु नेत्रहीन जन्म लेते हैं। 15 लाख मरीजों को कॉर्नियल प्रत्यारोपण की जरूरत है और प्रत्यारोपण करीब 25 से 30,000 मरीजों का ही संभव हो पाता है। जो यह बताने के लिए काफी है कि मांग और उपलब्धता में कितना अंतर है।गौरतलब है कि भारत में भी जेपी हॉस्पिटल जैसी अनेक संस्थाएं निरंतर अंगदान के प्रति लोगोंको जागरूक करने का काम कर रही हैं। अंग प्रत्यारोपण चिकित्सा में रिकार्ड सफलता के कारण देश भर में जेपी हॉस्पिटल की अपनी एक खास पहचान बन चुकी है। जेपी हॉस्पिटल के लिवर एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग ने अब तक 85 से भी ऊपर सफल लिवर एवं किडनी प्रत्यारोपण कर लोगों के जीवन की रक्षा की है।
जेपी हॉस्पिटल के बारे में-
नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल, जेपी ग्रुप की एक प्रमुख ईकाई है। यह हॉस्पिटल 25 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। हॉस्पिटल की योजना और डिज़ाइन 1200 बेड्स से युक्त टर्शरी केयर स्पेशलिटी सुविधा के रूप में तैयार की गई है। प्रथम चरण में 525 बेड्स के साथ इसकी सफल शुरुआत हो चुकी है।जेपी हॉस्पिटल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं, नैदानिक सेवाओं एवं आधुनिक तकनीकों से युक्त सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल है, जो आम जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करता है। हॉस्पिटल की योजना, डिज़ाइन एवं निर्माण कार्य इसे भारत के कुछ ही गोल्ड लीड प्रमाणित हॉस्पिटल इमारतों में शामिल करते हैं।