165 किमी. लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पर एनबीसीसी का हो सकता है कब्जा, एनसीएलटी ने दी मंजूरी

Abhishek Sharma

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Noida (04/03/2020) : ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन अब एनबीसीसी के हाथ में जा सकता है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को मंजूरी दी है। यमुना एक्सप्रेसवे भी इसी का हिस्सा है।

ऐसे में जेपी इंफ्राटेक के हाथ से अब इसका संचालन हाथ में निकल सकता है। इससे एक्सप्रेसवे पर होने वाले सुरक्षा उपायों को भी गति मिलेगी। दरअसल, बसपा शासनकाल में यमुना एक्सप्रेसवे बनाने के एवज में जेपी कंपनी को पांच जगह एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) जमीन दी गई।

500-500 एकड़ की कुल 2500 एकड़ जमीन दी गई। इनमें से एक एलएफडी नोएडा में दो यमुना सिटी और एक-एक एलएफडी अलीगढ़ व आगरा में स्थित है। करीब 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने इस एक्सप्रेसवे को 2012 में सपा सरकार बनने के बाद चालू किया गया तब से जेपी इंफ्राटेक ही इसका संचालन कर रहा है।

मौजूदा समय में करीब 28 करोड़ रुपये हर माह टोल शुल्क मिलता है। अब एनसीएलटी के फैसले के बाद इसका संचालन एनबीसीसी के हाथों में आ सकता है। बता दें कि हादसों को रोकने के लिए इस एक्सप्रेसवे का आईआईटी से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था।

आईआईटी की तरफ से कई सुझाव दिए गए थे, जिन पर अमल करना था, लेकिन फंड के अभाव में नहीं हो पा रहा था। अब उम्मीद है कि एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपायों पर भी काम हो सकेगा।

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