नेफोमा और फोनरवा मिलकर लड़ेंगे अर्बटैक एन०पी०एक्स० टॉवर के खरीददारों की लड़ाई
सेक्टर 153 नोएड़ा एक्सप्रेसवे में (IT and ITES प्रोजेक्ट) है जिसका प्रोमोटर मै० हाई लीड इन्फोटैट प्रा०लि० और निदेशक श्री अरुण घई है
आज एन पी एक्स टावर एसोसिएशन द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई जिसमें अतिथि के रूप में फोनरवा अध्यक्ष एन० पी० सिंह व नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान को बुलाया, दोनों अध्यक्षों ने अपने विचार रखे और हर संभव बॉयर्स की मदद का भरोसा दिया .
आपको बता दे उक्त विकसित प्रोजेक्ट नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2014 में “पूर्णता प्रमाण पत्र” देने के बावजूद 2015 में स्वयं निरस्त कर दिए जाने के कारण चर्चा का विषय बना था। कारण था प्लाट के आवंटन के समय उक्त कंपनी का पंजीकृत न होना।
ज्ञातव्य रहे कि उस समय तक अधिकांश आंटी 90%से शतरंज प्रतिशत तक भुगतान कर चुके थे।
इस निरस्त्रीकरण के विरुद्ध कंपनी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद का द्वार खटखटाया तथा आवंटियों के पक्ष में संघ ने अपनी एक impleadment लगाई।
संघ के पक्ष को विचाराधीन रखते हुए मा. उच्च न्यायालय ने ,अपने दि. 29.11.16.के आदेश के द्वारा निरस्त्रीकरण को रद्द कर दिया।
बिल्डर द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं के विरुद्ध संघ ने NCDRC में अपील की जिसने आवंटियों को उपभोक्ता न मानते हुए अपील को खारिज कर दिया।
NCDRC के इस आदेश के विरुद्ध संघ ने श्री प्रशांत भूषण जी के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई।
उक्त वाद के चलते बिल्डर द्वारा कब्जा लेने के लिए अवैध दबाव बनाया जाने लगा तथा विभिन्न प्रकार के अर्थ दंड एवं आवंटन के निरस्त करने की धमकी भी दी जाने लगी। आवंटियों की प्रार्थना पर उच्चतम न्यायालय ने दि. 05.05.2017 के आदेश के द्वारा स्टे लगा दिया गया।
दि. 04.09.2017 को मा. उच्चतम न्यायालय ने संघ के पक्ष में निर्णय देते हुए NCDRC को उचित निर्देश दे दिये।
संघ अब पुनःन्याय हेतु NCDRC में जाएगा।
दि. 18.04.2017 को नोयडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश पर प्राधिकरण की एक टीम ने संघ एवं बिल्डर के प्रतिनिधियों के साथ भवन का निरीक्षण कर उसके निर्माण संबंधित खामियों का विवरण देते हुए दि. 19.06.2017 बिल्डर को नोटिस द्वारा 15 दिनों में चिन्हित त्रुटियों का निस्तारण कर सूचित करने के लिए कहा। तथा अनुपालन न करने पर आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
बढ़ रही बायर्स की परेशानी :
एक ओर प्राधिकरण ने बिल्डर को चिन्हित त्रुटियों को दूर करने का निर्देश दिया है दूसरी ओर उसे पंजीकरण कराने की अनुमति भी दे दी है। प्राधिकरण के इस दोहरे आचरण के कारण बिल्डर द्वारा बिना उचित समाधान के आवंटियों को कब्जा लेने के लिए विवश किया जा रहा है।
क्या इस असुरक्षा की स्थिति में आवंटियों को जबरदस्ती कब्जा देना अवैध नहीं है? क्या नोयडा प्राधिकरण इस कार्य में लिप्त नहीं ह
आवंटियों द्वारा शत प्रतिशत मूल्य अदा करने के बावजूद, उच्च न्यायालय, NCDRC एवं उच्चतम न्यायालय में बरसों भटकने के पश्चात भी अभीतक आवंटियों को पूर्ण रूप से न्याय नहीं मिल पाया है जबकि नेफोमा द्वारा प्राधिकरण को बार बार अवगत किया गया है ।
मीटिंग में एन०पी०एक्स० टॉवर के अध्यक्ष पंकज नागलिया, दीपक अग्रवाल, सुरेंद्र खेरया,निरंजन सिंह ढींगरा, जावेद अल्वी, आदि खरीददारों ने भाग लिया ।