गौतमबुद्धनगर : लाॅकडाउन में राहत की उम्मीद कर रहे उद्यमियों को लगा दोहरा झटका
Abhishek Sharma
लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत की उम्मीद कर रहे उद्यमियों को नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने जोरदार झटका दिया है। उद्यमियों को छह गुना तक अधिक राशि के बिजली बिल थमा दिए गए हैं।
बिल भुगतान न करने पर कंपनी ने कई उद्यमियों को कनेक्शन काटने के नोटिस दिए हैं। एनपीसीएल के शोषण से परेशान उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से राहत मांगी है।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस कारण उद्योगों पर ताला लटक गया। उत्पादन ठप होने से उद्यमियों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है। कर्मचारियों को बिना काम के वेतन देने के अलावा ऑर्डर भी अधर में लटक गए। लेकिन एनपीसीएल ने उद्यमियों को जो बिल भेजे हैं। उससे उन्हें और गहरा झटका लगा है।
अचानक लॉकडाउन लागू होने के कारण अधिकतर उद्योग अपनी बिजली लाइन को बंद नहीं कर सके। इसका सीधा असर पावर फेक्टर पर पड़ा। इससे उद्यमियों को बिल छह गुना तक बढ़ गया।
यहीं नहीं पचास केवीए से अधिक क्षमता के कनेक्शन वालों के ट्रांसफार्मर की बिजली खपत भी कंपनी ने उद्यमियों के खाते में डाल दी है। आइआइए इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने उद्यमियों के बीच एक सर्वे कराया। इसमें सामने आया है कि एनपीसीएल ने लगभग सभी उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल जारी किए हैं।
वहीं बिल भुगतान न करने पर छह उद्यमियों को कनेक्शन काटने का नोटिस तक जारी किया गया है। जबकि उद्यमी लॉकडाउन में फिक्स चार्ज माफ करने की सरकार से मांग कर रहे हैं। ऐसे में कंपनी के रवैये ने उनकी नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
उद्यमियों का कहना है कि उद्यमियों के बीच सर्वे कराया गया था। इसमें सामने आया है कि लगभग सभी को कंपनी ने अधिक धनराशि के बिल जारी किए हैं।
कंपनी अगर लॉकडाउन अवधि में कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी कर रही थी तो उसे उपभोक्ताओं को यह भी सुझाव देना चाहिए था कि लाइन या पावर फेक्टर गड़बड़ाने से उनका बिल बढ़ सकता है।
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