परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

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ग्रेटर नोएडा। कासना कोतवाली एरिया के स्वर्ण नगरी स्थित एक निजी अस्पताल में नार्मल डिलीवरी के चक्कर में एक महिला को अधिक ब्लिडिंग होने के कारण मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शनिवार को अस्पताल पर हंगामा किया। परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
दादरी कोतवाली एरिया के चिटेहरा निवासी अरूण अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए गत 15 दिसंबर को स्वर्ण नगरी स्थित कृष्णा अस्पताल में एडमिट कराया। अरूण ने बताया कि डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी कराने की बात कही थी। 16 दिसंबर को उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। अरूण का आरोप है कि डॉक्टर रिचा त्यागी ने जबरदस्ती नार्मल डिलीवरी कराई, जबकि ऑपरेशन की जरूरत थी। डॉक्टर ने कुछ दवाइयां ऐसी दी, जिससे बच्चेदारी की नस फट गई और ब्लिडिंग होने लगी। अस्पताल में ब्लड की व्यवस्था नहीं थी। डॉक्टरों ने नोएडा स्थित रोटरी क्लब से ब्लड लाने को कहा। जबकि तेजी से ब्लिडिंग होने के कारण उनकी पत्नी की हालत गंभीर होती गई। हालत गंभीर होने के बाद भी डॉक्टर ने 3 घंटे तक अस्पताल में ही रखा और जब ज्यादा तबीयत खराब हो गई, तो दूसरे अस्पताल में ले जाने का बोला। उन्होंने अपनी पत्नी को कैलाश अस्पाताल में एडमिट कराया, जहां डॉक्टरों ने वेल्टीनेटर पर रखा और 22 दिसंबर को दोपहर 3 बजे उनकी पत्नी की मौत हो गई। वहीं, महिला की मौत के विरोध में भारी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पहुंच कर हंगामा किए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया। पीडित पति अरूण का कहना है कि कैलाश में इलाज के दौरान 9 लाख रूपए खर्च हुए हैं। बच्चे का पालन-पोषण में भी लाखों रूपए खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि ने अस्पताल मालिक से 30 लाख रूपए मुआवजे की मांग की है। मुआवजा नहीं मिलता है, तो कोर्ट में जाएंगे। अस्पताल मालिक के बेटे डॉक्टर कमल भूषण का कहना है कि कई बार डिलीवरी के दौरान पोस्ट पार्टम हैमरेज (पीपीएच) हो जाता है। मृतक महिला के साथ भी ऐसा ही हुआ है। अस्पताल में ब्लड की व्यवस्था नहीं होने के कारण नोएडा से मंगाया गया, लेकिन मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया। परिजनों की डिमांड को लेकर रविवार तक के लिए मोहलत मांगी है।

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