टेन न्यूज़ की परिचर्चा में बोले एक्सपर्ट्स, संस्था और समाज मिलकर काम करें तो कोरोना को हरा पाएंगे 

Ten News Network

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नोएडा :– देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और उसके कारण देशभर के अस्पतालों में हो रही बेड और ऑक्सीजन की कमी को लेकर टेन न्यूज़ नेटवर्क ने परिचर्चा का आयोजन किया गया | जिसका विषय “संस्था और समाज के लोग मिलकर कोरोना को हरा सकेंगे’ रहा | वही इस परिचर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार विपिन शर्मा ने किया | आपको बता दे की इस परिचर्चा में आईएमए संस्था के संयुक्त सचिव डॉ नरेश चावला , मुख्य चुनाव आयोग के पूर्व संयुक्त निर्देशक मोहम्मद आमीन , बीजेपी नेता व सुप्रीम कोर्ट के वकील संदीप दुबे , डब्लूएचओ के कार्यकारी सहयोगी अनुज मित्तल और टेलीविज़न एंकर कोच श्वेता शामिल हुई |

परिचर्चा के दौरान भाजपा नेता संदीप दुबे ने कहा कि हमारे देश के नागरिक इतने सजक है कि इस बीमारी से हमें कैसे लड़ना है और हमने काफी हद तक इस पर कामयाबी भी हासिल की है। उन्होंने कहा समस्या अब यह आ रही है कि हमारे ही लोग इंसानियत को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं अपने ही लोगों को 400 रुपए का सिलेंडर 4000 रुपए में देने का काम कर रहे है | उन्होंने कहा हमने अपने रिश्ते को व्यापारिक बना दिया है, जोकि नहीं होना चाहिए जो लोग ऑक्सीजन सिलेंडर या फिर अन्य जरूरत की चीजों को कालाबाजारी कर रहे हैं हमें पहले ही ऐसे लोगों को चिन्हित करके इनके खिलाफ कार्यवाही करने का काम करना चाहिए , उन्होंने कहा अगर सरकार की बात करूं तो सरकार बहुत ही अच्छा काम कर रही है , सरकार इस चीज का ख्याल रख रही है कि जो भी जरूरतमंद है उन तक चीजें सही समय पर पहुंच पाए।

मोहम्मद आमीन  ने परिचर्चा में कहा ये जो महामारी फैली हुई है ,इससे कोई भी देश अछूता नही रहा है और जब ये संक्रमण हमारे यहां आया था तब हमारे पास इसके अरेंजमेंट थे और कोई भयावह स्तिथि नही बनी। हमारे प्रधानमंत्री ने ऐसी विदेश नीति बनाई जिसके असर आज हमें देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा जब से हमारा देश आजाद हुआ है उसके बाद से पिछले 7 साल में हमारे देश में काफी प्रगति करी है जिसको लेकर कहना चाहूंगा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री काफी सराहनीय काम कर रहे हैं,  अभी उन्होंने ऐलान किया है कि पीएम केयर्स फंड में से 500 ऑक्सीजन प्लांट बनाए जाएंगे , जिससे कि हर डिस्ट्रिक्ट में एक ऑक्सीजन प्लांट मौजूद होगा।

अभी जो स्थिति पैदा हुई है कि ऑक्सीजन जो दूसरे स्थानों से आ रही है यह इसी चीज का नतीजा है कि पहले इस पर किसी सरकार ने काम नहीं किया , नहीं तो यह स्थिति नहीं बन पाती। मोहम्मद आमीन ने कहा यह हमारी डिप्लोमेसी पॉलिसी है कि आज चाइना भी झुका है और यह कहने को मजबूर है कि आपको जो मदद चाहिए , हम आपको देने को तैयार हैं और यहां तक की पाकिस्तान भी हमारी मदद करने के लिए तैयार है क्योंकि हमने पाकिस्तान को भी वैक्सीन पहुंचाई वह भी बिना कहे।

इसको लेकर विपक्ष ने भी निंदा करनी चाहिए कि वैक्सीन दूसरे विदेशो को नहीं देनी चाहिए , लेकिन यह हमारी डिप्लोमेसी पॉलिसी थी , जब हम दूसरों की मदद करेंगे तभी कोई हमारी मदद करेगा और अभी बहुत सारी चीज़ें ऐसी है जो होना जरूरी है जैसे कि वेंटिलेटर की कमी हमारे देश में अभी भी है। दिल्ली हमारी देश की राजधानी है , लेकिन वहां पर भी पर्याप्त सुविधाएं मौजूद नहीं है। जिसको लेकर हमारे पास भी लगातार फ़ोन आ रहे है कि किसी के पास वेंटिलेटर नहीं है किसी के पास ऑक्सिजन सिलिंडर नही है तो इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने भी कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमे सभी समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।

मोहम्मद आमीन ने कहा की विपक्षी दलों को किसी पर भरोसा नही है अब सरकार कोई भी काम करती है तो उंसमे विपक्ष वो नेगेटिविटी फैलती है। मद्रास हाइकोर्ट के डिसीजन को लेकर मोहम्मद आमीन ने कहा कि यह उनका ऑब्जरवेशन है | चुनाव आयोग को लेकर वह चाहते तो पहले ही इलेक्शन पर रोक लगा सकते थे , वह स्वतंत्र थे कि कोई भी डिसीजन लेने के लिए और वह सभी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे , लेकिन अगर फिर भी लेट डिसीजन आया है फिर इस पर कहता हूं सभी पार्टीयों की भी गलती है , हमारे अधिकारीयों की गलती है और इलेक्शन कमीशन इस चीज को देखेगा और इस पर कार्यवाही भी करेगा।

आगे उन्होंने कहा अभी हमारे यहां कई सारे रीजनल क्षेत्र के अंदर चुनाव हुए हैं , जिसमें हमारे डेढ़ सौ कर्मचारी मारे गए हैं और बीमार हुए हैं , इसके लिए उनको प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। चाहे हमारे नेता हो या स्टारप्रचारक को सभी को इस चीज़ का ध्यान रखना चाहिए | बंगाल में हुए 8 चरणों के चुनाव को लेकर मोहम्मद आमीन ने कहा की चुनाव 8 चरणों की जगह कम चरणों में किया जा सकता था , बिहार में जब हमने चुनाव कराया तब इतनी ज्यादा परेशानी वहाँ नही हुई , इसको देखते हुए ही बंगाल में चुनाव कराए गए। अब स्तिथि ये हो गयी थी कि यहां चुनाव कराने है। जिसके लिए समीक्षा भी की गई। उन्होंने कहा हमें काफी समय से ऐसी शिकायत मिल रही थी कि जैसे कि आप सभी जानते हैं बंगाल के साथ कई राज्यों के साथ दूसरे देशों की सीमाएं भी मिलती हैं तो ऐसी शिकायतें सामने आ रही थी कि दूसरे देश से लोग आकर यहां पर वोट डालते हैं या फिर हिंसा जैसे कार्य करते हैं , जिसको लेकर हमने सभी अधिकारियों के साथ इस विषय पर चर्चा की जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया।

पहले हमने 700 कंपनी की पैरामिलिट्री फोर्स वहां पर तैनात की थी , जिसके बाद और भी पैरामिलिट्री फोर्स वहां पर लगानी पड़ी जिसके बाद आप सब ने देखा कि कितना बेहतरीन इलेक्शन इस बार बंगाल में कराया गया , हालांकि कुछ घटनाएं हमारे सामने आई , लेकिन उसके बावजूद भी इलेक्शन को बहुत ही बेहतरीन ढंग से निपटाया गया।  जो कोरोना की बात है तो कोरोना बंगाल इलेक्शन के पांचवें छठे चरण में तेजी से बढ़ता हुआ सामने आया , जिसमें इलेक्शन कमिशन की कोई गलती नहीं है और जो नेता रैली कर रहे थे इसमें उन्हें इसको लेकर सावधानी बरतनी चाहिए थी जो कि उन्होंने नहीं की | अब जब कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है , इसको लेकर इलेक्शन कमीशन ने भी सख्ती करी है , साथ ही सभी पार्टियों को निर्देश भी दिए ।

आखिर में मोहम्मद आमीन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम एक हैं , हमारा देश एक है , हमारा राष्ट्र एक है और हम एकजुटता से इस महामारी को हरा पाएंगे और आपको बता दूं मैंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है , क्योंकि एक सुरक्षित घर मैं कैद हूं और मेरा पूरा परिवार घर में सुरक्षित कैद है और मैं चाहता हूं कि पहले हर वह जरूरतमंद वैक्सीन लगवाए , जिसको जरूरत है , हम तो बाद में लगवा लेंगे।

 

परिचर्चा में अनुज मित्तल ने कहा की मझे लगता था कि इस करोंना में सिर्फ लोगो को बेड की या ऑक्सिजन की कमी हुई है , लेकिन मैंने देखा कि इस समय कई ऐसे लोग है जिसको खाने की भी कमी हो रही है |  काफी सारे लोग भोजन की वजह से प्रॉब्लम में है , जब मझे ये पता लगा तो हमने यह मैसेज स्प्रेड किया कि जिस किसी को भी खाने की प्रॉब्लम है तो वह हमसे संपर्क करें | हम उन्हें खाना प्रोवाइड कराएंगे , मुझे लगा कि यह बहुत ही छोटी प्रॉब्लम है और इसको लेकर मेरे पास बहुत कम फोन आएंगे , लेकिन जैसे ही हमने यह मैसेज स्प्रेड किया , हमारे फोन बंद नहीं हो रहे हैं। यह सब देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है कि हम ऐसे देश में रहते हैं जहां पर हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं कि हम यह करेंगे , वह करेंगे , ऑक्सीजन देंगे , बेड देंगे ,  लेकिन आज लोगों के पास पैसा होते हुए भी खाने की कमी है। वह भी मिडिल क्लास आदमी को जिनकी कोई भी नहीं सुनता।

अनुज मित्तल ने बताया कि एक बच्ची है 14 साल की , जिसके पिता की मौत जनवरी में कोरोना से हो गई थी और अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई है उसके मदर की भी मौत हो गई अब उसको कोई संभालने वाला नहीं है। उसकी मदर की बॉडी को जलाने वाला कोई नहीं है , उनकी बॉडी 2 दिन से मोर्चरी में पड़ी हुई है , जब हमें इस बारे में पता चला तो पहले हमने उन्हें कुछ खाना दिया , फिर हमने उनसे यह बोला कि अगर उनकी बॉडी को कोई संस्कार नहीं करना चाह रहा ,  तो हम उनका संस्कार करेंगे। आगे अनुज मित्तल ने कहा कि लोग कोरोना से इतना नहीं मर रहे , जितना भी है डर से मर रहे हैं। मझे लगता है हमे पाजिटिविटी दिखानी चाहिए न कि डर फैलाना चाहिए , दूसरी चीज़ हमे भगवान को हर घर तक पहुचना चाहिए , जैसा कि मैं खुद मंगलवार को सुंदरकांड पड़ता हूँ , जिससे मझे थोड़ी पॉजिटिविटी मिलती है और मैं यह चाहता हूं कि ऐसे ही सब लोग अगर भगवान के प्रति थोड़ा रुक करेंगे तो हमारे अंदर पॉजिटिविटी आएगी और इस वायरस को हम हरा पाएंगे।

 

कोच श्वेता ने कहा कि यह एक तरह की आपदा है , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह कहां से आई है , यह एक चर्चा का अलग विषय है। बात यह है कि आज इसमें सभी उलझे हुए हैं और इससे जूझ रहे हैं तो हमें यह देखना होगा कि हमारे देश ने इससे पहले जो आपदा आई है उससे कैसे निपटारा पाया है उससे कैसे लड़ाई लड़ी है। हम लोग इस समय अपने आप को उलझाते जा रहे हैं , उलझाने की जगह अगर हम इस चीज को समझ पाए और इस चीज को सुलझा पाए तो ज्यादा बेहतर होगा | जैसे कि हम इसे किसी पार्टी का मुद्दा ना बनाकर इसको एक राष्ट्रीय मुद्दे की तरह देखा जाए , जैसा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था यह टाइम है कि सभी पार्टियां एकजुट आ जाएं और इस प्रॉब्लम का सोलुशन निकाले।

उन्होंने कहा यह सिर्फ गवर्नमेंट की जिम्मेदारी नहीं है , यह जिम्मेदारी एक आम आदमी की भी बनती है कि हम लोग अपना कंडक्ट किस तरीके से कर रहे हैं। क्या हम लोग प्रिकॉशंस ले रहे हैं? इसको लेकर हमें बच्चों से भी सीखना चाहिए कि किस तरीके से इस विषम परिस्थिति के अंदर बच्चे भी इस चीज को समझ रहे हैं कि क्या हमें इस समय बाहर खेलने जाना चाहिए , यदि वह लोग घर में बंद कर बैठते हैं तो हम क्यों नहीं बैठ सकते , हमें यह सोचना होगा कि क्या हम इस वक्त बाजार जाएं या फिर हमें इस वक्त घर से बाहर निकलना चाहिए।

आगे उन्होंने कहा कि हम सभी भगवान पर भरोसा करते हैं अगर मेरा भाई कहता कि मुझे नमाज पढ़ने जाना है , तो मैं उसे नहीं रुक पाऊंगी और हर बात मैं से ही शुरू होती है अगर हम मैं की जगह हम की बात करने लगे तो मुझे लगता है कि हम बहुत कुछ कंट्रोल कर पाएंगे। क्योंकि इस आपदा में हम सब हैं और मैंने देखा है कि स्थिति कहीं पर भी ठीक नहीं है चिंताएं हर जगह जल रही हैं और ठेकेदार हर जगह बैठे हुए हैं ठेकेदार वहां पर भी बैठे हुए हैं जहां चिताएं जल रही हैं और उसके भी पैसे आपको देने पड़ रहे हैं। तो क्लास चाहे कोई भी हो स्थिति सबके साथ एक है। उन्होंने कहा हमारी स्ट्रैंथ ही हमारी यूनिटी इसको हमें आगे लेकर चलना है जैसे हम पहले इस आपदा से बचे थे  वैसे ही हम  अब भी  इस आपदा से बच सकते हैं और हमें इस चीज का ध्यान रखना है कि बिना मतलब जाकर बेड को ऑक्यूपाइड ना करें।

 

डॉ नरेश चावला ने परिचर्चा के दौरान कहा की यह एक आपदा दुनिया की सबसे बड़ी आपदा है और ये जो दूसरी वेव आयी है, जिसने पूरी दुनिया को हिला के रख दिया था और अब ये भारत में आई है इसकी पहली वेव में हमारे सिस्टम में मौजूद लोगों ने बहुत ही सराहनीय काम किया था और जनवरी आते आते करोना के नए केस ना के बराबर थे। हम देख रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे शहर मे कहर बरसा रही है लेकिन पता नही कैसे दूसरी वेव को हम अड़े हाथों नही ले पाए चाहे फैक्टर्स कुछ भी रहे हों। लेकिन अब हमारे पास एक दूसरे की गलतियां निकलने का समय नही है। इस समय पूरा देश  इस महामारी से लड़ रहा है।

उन्होंने कहा की जितने पेशेंट एक महीने पहले देखता है उससे तीन गुना ज्यादा पेशेंट आज के समय में देख रहा हूँ। उन्होंने कहा कि इस समय वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की लगातार कमी हो रही है उसका कारण है पेशेंट की तादाद का बढ़ना , जहां 100 पैसे से काम चलना है वहां साढे तीन सौ पैसे काम निकालना  पड़ जाए तो वहां क्या हो। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि सारी दुनिया इस समय हमारी मदद करने में लगी हुई है , लेकिन कहना चाहूंगा कि इस समय अगर मुझे जरूरत है तो वह अपने लोगों को अपने सिस्टम की और सभी के बीच कोआर्डिनेशन हो और किसी का काम रूके ना। इससे बढ़िया मौका नहीं मिलेगा हमको अपने हिंदुस्तान को बड़ा बनाने का|

पूरी दुनिया इस समय हम को देख रही की जो क्राइसिस चल रहा है हिंदुस्तान में तो पूरी दुनिया देख रही है कि यह हिंदुस्तानी मैनेज कैसे करेंगे। उन्होंने कहा हमें लोगों का साथ चाहिए हमें लोगों का हौसला चाहिए और जैसा कि मैं कहता हूं |  डॉ नरेश चावला ने कहा जैसे कि कोरोना की पहली वेब में हमारे देश के लोगों ने बहुत ही सराहनीय काम किया था लेकिन अब हम देख रहे हैं कि लोग कोरोना की गाइडलाइन का बिल्कुल भी पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें कुछ देशों से सीख लेनी चाहिए जैसे कि ताइवान वियतनाम और जापान भी एक  ऐसा देश है जिसने इस शैली को अपना लिया है। आपदा चल रही है और अभी थर्ड वेव भी आ सकती है। मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी आगे हमें बस अपने आप को तैयार करना है |

डॉ नरेश चावला ने कहा कि हम देख रहे हैं कि आजकल एक ऐसा चरण समाज में चल रहा है कि लोग सोचते हैं कि अगर वह अमीर आदमी है और उसको कोरोना हो गया है तो वह सोचता है कि मैं तो पैसे वाला हूं मैं तो ठीक हो जाऊंगा मैं पैसे देकर पहले ही बेड ऑक्यूपाइड कर लूंगा , मैं पहले ही ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद लूंगा या , मैं पहले ही दवा कहीं से इंपोर्ट कर लूंगा , लेकिन यह गलत है आपको ऐसा नहीं करना चाहिए आपको अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए और क्या पता आपको होम आइसोलेशन की जरूरत हो क्या आपको घर पर ही आप का इलाज किया जा सकता है तो आप इससे फालतू में बेड या कोई अन्य चीज यूज़ नहीं करेंगे तो उससे बाकी लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपनी जान बच जाए और दूसरों की जान ना बचे है सोच बिल्कुल गलत है। डॉ नरेश चावला ने बताया कि किसी ने उनसे पूछा कि डॉक्टर साहब आपको दिन भर में कितने कॉल आते हैं तो मैंने उनसे कहा मुझे लगभग 40 कॉल दिन के आ जाते हैं कि मुझे बेड दिलवा दो लेकिन मैं उन 40 में से रो धो कर एक दो की ही मदद कर पाता हूं लेकिन मैं उनसे पूछता हूं उनको क्या दिक्कत है तो उनमें से कई पेसेंट ऐसे होते हैं जिनको बेड की जरूरत ही नहीं है उनको  होम आइसोलेशन की जरूरत है फिर मैं उन्हें समझाता हूं कि आप घर पर ही रहेगी आप फल ज्यादा खाइए , आप पानी ज्यादा पिया कीजिए और यकीन मानिए वह पेशेंट ज्यादा जल्दी रिकवर हो रहे हैं जो होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं।

उन्होंने कहा की हमारे यहां पर ज्यादातर पेशेंट्स को सिर्फ होम आइसोलेशन की जरूरत है और अगर आप मेरे को फिल्टर करने को कहें तो मैं 100 में से 50% लोगों को अलग कर सकता हूं जिनको बेड की जरूरत ही नहीं है। डॉ नरेश चावला ने कल से शुरू हो रही 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन को लेकर कहा की छोटी मोटी प्रॉब्लम देखने को मिल सकती हैं बाकी उसमें ज्यादा कुछ प्रॉब्लम नहीं आएगी लेकिन इसके लिए मैं पहले से ही डिमांड करता रहा हूं और मैंने सरकार के सामने यह बात रखी भी थी कि 18 साल से 45 वर्ष तक की जितने भी लोग हैं वह सोशल गैदरिंग सबसे ज्यादा करते हैं और वही हैं जो घर में कोरोना लाकर अपने घर मैं बैठे हैं बड़े बुजुर्गों को भी संक्रमित कर सकते हैं। और इनकी जो अकाउंट है वह कम नहीं है वह कम से कम 30 से 40 करोड़ है। आखिर में डॉक्टर नरेश चावला ने कहा कि हमे अपनी पॉजिटिव फोर्सेज को इतना बढा देना है कि हमारी नेगेटिव फोर्सेज़ खत्म हो जाए।

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