यूपी-रेरा ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 100 रियल्टी परियोजनाओं के लिए समय सीमा को बढ़ाया, पढ़े पूरी खबर

Ten News Network

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नोएडा: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी-रेरा) ने महामारी प्रभावित रियल्टी सेक्टर की मदद के लिए गाजियाबाद सहित नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे में लगभग 100 परियोजनाओं की समय सीमा दो साल बढ़ाने का फैसला किया है।

बता दें, कई डेवलपर्स ने समय सीमा के विस्तार के लिए अनुरोध किया था। जिसको लेकर यह निर्णय लिया गया। हालाँकि, प्राधिकरण ने इस शर्त पर विस्तार दिया है कि डेवलपर्स को उनकी परियोजनाओं के मानचित्रों की वैधता उनके संबंधित अधिकारियों से भी प्राप्त करनी होगी।

रियल एस्टेट के नियमों के अनुसार, एक डेवलपर को किसी परियोजना को बनाने और वितरित करने के लिए अधिकतम सात साल का समय मिलता है और यह समय उसका तब शुरू होता है जब उसे सभी आवश्यक अप्रूवल मिल जाते हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यूपी-रेरा के पास यूपी-रेरा अधिनियम की धारा 8 के तहत डेवलपर्स को विस्तार देने की शक्ति है।

यूपी-रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार ने कहा की “होमबॉयर्स के हित में, हमने कोविड -19 के मद्देनजर इन 100 परियोजनाओं के लिए दो साल के विस्तार की पेशकश की है। यदि किसी बिल्डर को दो साल से अधिक की आवश्यकता है, तो उस पर भी विचार किया जा सकता है, बशर्ते उनको उनके होमबॉयर्स एसोसिएशन से सहमति प्राप्त करनी होगी।”

प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 200 परियोजनाओं में देरी हुई है। होमबॉयर्स ने कहा कि यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके फ्लैट जल्दी वितरित किए जाएं।

नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर राजेश सहाय ने कहा कि “परियोजनाओं में देरी लंबी और कठिन रही है। यह उचित समय है कि सरकार हमारे संकटों को दूर करने के लिए एक व्यापक नीति के साथ आगे आए।”

नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने कहा, “कोविड -19 के कारण संकट को देखते हुए सरकार को भी डेवलपर्स की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धन प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।”

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