यमुना अथाॅरिटी बनने जा रही है ई-अथाॅरिटी, अधिकारीयों के बीच हुआ करार

Ten News Network

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Greater Noida: यमुना अथॉरिटी प्रदेश की ई-अथॉरिटी बनने जा रही है। इसको ई-अथॉरिटी करने का जिम्मा भारत सरकार के नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज आईएनसी ने उठाया है। शुक्रवार को यीडा व निस्सी के बीच इसका करार हुआ। अथॉरिटी में ई-सलूशन सिस्टम लागू करने पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। पांच साल तक इसका रख-रखाव भी निस्सी ही करेगी।

यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर ने पूर्व में प्राधिकरण में जीआईएस सिस्टम डेवलप करने के साथ लैंड डिपार्टमेंट का डिजिटाइजेशन किया था।

अथॉरिटी के कार्यों को पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ई-सलूशन सिस्टम लागू करने के लिए कई सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं से टेंडर आमंत्रित किए थे। भारत सरकार की संस्था निस्सी को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई है।

फरवरी से यह काम शुरू हो जाएगा। पहले चरण में यमुना अथॉरिटी के लिए ई-सलूशन सिस्टम विकसित होगा। इस पर 34 लाख 15 हजार रुपये खर्च होंगे। 5 साल तक निस्सी की नौ सदस्यीय टीम इसका रख-रखाव करने के साथ संचालन में होने वाली किसी भी बाधा को 24 घंटे दूर करने को मौजूद रहेगी।

इस पर 58 लाख 22 हजार रुपये खर्च होंगे। यमुना अथॉरिटी को प्रदेश की पहली ई-अथॉरिटी बनाने के साथ ई-सलूशन पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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