यमुना प्राधिकरण पर जेपी बायर्स का धरना, प्राधिकरण का सख्त कार्यवाही का आश्वाशन !
ASHISH KEDIA
ROHIT SHARMA
GREATER NOIDA: सब का सपना होता है कि घर अपना हो..लेकिन जब सपनो का सौदागर ही सपनो में सेंधमारी करने लगे तो गुहार किससे करे..ऐसी ही कुछ हालत ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण के ऑफिस पर पहुंचे बायर्स का है| जेपी बिल्डर के यहां वर्ष 2013 फ्लैट बुक किया था और वर्ष 2015 में पजेशन देने का बिल्डर की तरफ से वादा किया गया था | बिल्डर ने यह अपने तीनो प्रोजेक्टों को यमुना प्राधिकरण में सरेन्डर कर दिया और बायर्स का पैसा भी वापस नहीं दे रहा है | वही बायर्स का कहना है की बिल्डर ने बगैर नक्शा पास कराए ही बायर्स को फ्लैट बुक करना शुरू कर दिया था | जिसके चलते आज बायर्स एकत्र होकर यमुना प्राधिकरण के ऑफिस पर पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया |
वही बायर्स को देखते हुए बिल्डर की तरफ कुछ लोग प्राधिकरण पर पहुंच गए | जिसके चलते यमुना प्राधिकरण के अधिकारियो ने बायर्स और बिल्डर के बीच वार्ता कराके बायर्स को शान्त किया और जल्द ही बायर्स को उनका पैसा वापस दिलाने का वादा किया |
यमुना प्राधिकरण के ऑफिस बिल्डर के हंगामा करते ये सभी बायर्स जेपी बिल्डर का विरोध कर रहे है | इनका कहना है की इन्होने वर्ष 2013 में जेपी बिल्डर के प्रोजेक्ट उड़ान वे बुद्धा 1 वे बुद्धा 2 में अपना फ्लेट बुक किया गया और बायर्स को कहा गया था की उन्हें वर्ष 2015 में पजेशन देनी थी लेकिन वर्ष 2017 आने के बाद भी बायर्स को उनके फ्लेट नहीं दिए गए| बल्कि बायर्स को पता चला की जिस प्रोजेक्ट में उन्होंने अपना फ्लेट बुक किया गया था उस प्रोजेक्ट को बिल्डर ने यमुना प्राधिकरण को सरेन्डर कर दिए | जिसके चलते बायर्स अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है|
बायर्स को देखते हुए यमुना प्राधिकरण के अधिकारीयों ने बिल्डर की तरफ से कुछ लोगो को बुलाया लिया | बायर्स और बिल्डर के बीच बैठकर वार्ता करायी लेकिन फ्लैट खरीदारों के चुभते सवालो पर प्राधिकरण अफसरों ने बताया कि खरीदारों को लेकर सरकार और प्राधिकरण दोनों गंभीर हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल ऑथराइटी के सीईओ ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया की जेपी एसोसिएट्स को किस्तों में भुगतान करने का आदेश दिया हुआ है। अगर इसमें देरी होती है तो देनदार के मौजूद संसाधन को बेच कर बायर्स के हितों की पूर्ति की जाएगी। परन्तु यह सिर्फ उन्हें प्रोजेक्ट पर लागू होगा जो एनसीअलटी के अंतर्गत नहीं आते हैं।
सूत्रों के मुताबिक यमुना प्राधिकरण के इस सख्त रवैये से करीब 3 हजार खरीदारों को फायदा पहुँचने की उम्मीद है।
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