पार्टियों के घोषणापत्र को लेकर टेन न्यूज़ ने की राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण से खास बातचीत, जानी उनकी राय

ROHIT SHARMA / TALIB KHAN

नोएडा :– देशभर में चुनाव का माहौल है और सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। इन घोषणा पत्रों के जरिए पार्टियों ने जनता से तरह तरह के वादे भी किए हैं।

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में गरीबों को न्याय यानी कि न्यूनतम आए योजना का वादा किया है वही बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो उन्होंने भी अपने घोषणापत्र में किसानों और गरीबों के लिए सुधार का वादा किया है।



गौर करने वाली बात यह है कि जब से हमारा देश आजाद हुआ है तब से अभी तक अलग अलग सरकारों द्वारा कई वादे किए गए जिनमें से कई सच भी हुए और कई पानी में बह गए।

आजकल यह मांग की जा रही है कि जो राजनैतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र के द्वारा जनता से वादे करती हैं उनको पूरा करना अनिवार्य कर देना चाहिए और अगर वह उन वादों को पूरा करने में असफल रहती हैं तो उन पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए ।

इसी संदर्भ में टेन न्यूज़ ने योगेंद्र नारायन से बातचीत की और जाना की उनकी घोषणा पत्रों को लेकर क्या राय है। योगेंद्र नारायण राज्यसभा के महासचिव रह चुके हैं और 1965 बैच के आईएएस भी है।

उन्होंने कहा कि “जो भी वादे राजनैतिक पार्टियां घोषणा पत्रों के जरिए करती हैं उनको पूरा करने में ज्यादातर असफल ही रहती हैं और जनता की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। जब तक इन घोषणा पत्रों को पूरा करना अनिवार्य नहीं किया जाएगा तब तक जनता को इसी तरह झूठे वादों का सामना करना पड़ेगा। मैनिफेस्टो में एक उद्देश्य होता है जो पॉलीटिकल पार्टी प्राप्त करना चाहती है, जो दर्शाते हैं कि पार्टी किस ओर जा रही है। अगर पार्टी मैनिफेस्टो के अनुसार काम नहीं करती है तो मेरी राय में कोर्ट में मामला जाना चाहिए। क्युकी मैनिफेस्टो तो सारी पार्टियां निकलती हैं लेकिन अगर वो उसके अनुसार काम नहीं करती तो जनता के साथ धोका होता है। इन मैनिफेस्टो में कोई कानूनी बाध्यता होनी चाहिए कि जो आपने वादा किया था उसे पूरे करें”।

“मेरी एक वक्तिगत राय ये भी है कि “जसे निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्याशी को नॉमिनेशन पेपर में अपना क्राइम रिकॉर्ड दिखाना है, बैंक बैलेंस दिखाना है, उसमे ये भी करदेना चाहिए कि जब आपकी सरकार का समय ख़तम हो तब आपको अपने मैनिफेस्टो में जो वादे हैं उनमें से कितने पूरे किए और क्या काम किया, ये अनिवार्य करदेना चाहिए पार्टीज के लिए”।

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