अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर महिलाओं से टेन न्यूज़ ने की खास बातचीत , दी प्रतिक्रिया

Rohit Sharma (Photo/Video) By Lokesh Goswami Ten News

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“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवत”। इसका अर्थ है कि, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का निवास होता है। श्लोक भले ही पुराना हो मगर नए संदर्भ की महिलाओं के बारे में चर्चा का सार यही था | आपको बता दे की दुनियाभर में आठ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन समाज की बेहतरी के लिए काम कर मिसाल बन चुकी महिलाओं को याद भी किया जाता है।



इस कड़ी में हमारे देश में देखा गया है कि कहीं न कहीं आज भी ऐसी महिलाएं है जिन्होंने आम साधारण जिंदगी से अलग हटकर सोचा, अपनी क्षमता को तराशा, वो काम किया जो सबसे बेहतर कर सकती थी। ऐसी महिलाएं जो सिंगल है लेकिन परिवार की जिम्मेदारी उनकी प्राथमिकता रही, अपने त्याग से अपने परिवार व समाज को भी आगे बढ़ाया है साथ ही आर्थिक तंगी के चलते हुए भी अपने जज्बे को कायम रखा और एक मुकाम बनाया है |

वही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर टेन न्यूज़ ने महिलाओं से खास बातचीत की |

महिलाओं का कहना है की 8 मार्च को देशभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है , जो महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है | साथ ही उनका कहना है की आज के समय में भी महिलाओ के साथ अत्याचार होते आ रहे है , अभी भी देश के अंदर कुछ ऐसी जगह है जहाँ महिलाओं की कदर नहीं है |

वह खुद में आत्मविश्वास लाएं, खुद को पुरुषों से कम न आंके। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मेंटली तौर पर मजबूत बनना चाहिए। इससे वह हर स्थिति का सामना करने में सक्षम बनेंगी।

वही दूसरी तरफ महिला आरक्षण बिल को लेकर फिर महिलाओं ने आवाज उठाई , उनका कहना है की देश के अंदर महिलाओ को भी आरक्षण मिलना चाहिए , जिससे महिलाएं अपना भविष्य बना सके |

कब शुरू हुआ महिला दिवस ?

दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मज़दूर आंदोलन से उपजा है। इसका बीजारोपण साल 1908 में हुआ था जब 15 हज़ार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी।

इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार भी दिया जाए। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया था। तबसे ये दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में दुनिया भर में मनाया जाने लगा।

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