अनिल कुमार सिन्हा जी के स्थान पर मोदी सरका र ने सभी नियमों को ताक पर रखकर गुजरात कैडर के अ फ़सर राकेश अस्थाना को CBI की अतिरिक्त ज़िम्मेद ारी दी है।

अनिल कुमार सिन्हा जी के स्थान पर मोदी सरकार ने सभी नियमों को ताक पर रखकर गुजरात कैडर के अफ़सर राकेश अस्थाना को CBI की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी दी है। आम आदमी पार्टी इस तरह से की गई नियुक्ति का विरोध करती है। PM मोदी भी पूर्व की कांग्रेस सरकार की तरह CBI को एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए नज़र आ रहे हैं।
AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि ‘CBI के एडिश्नल डायरेक्टर को हाल ही में गृह मंत्रालय में भेजना और सिन्हा साहब के रिटायर होने के बाद गुजरात कैडर के अफ़सर राकेश अस्थाना को CBI की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी देना यह साबित करता है कि मोदी सरकार की मंशा CBI का राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की है। कुछ तो ऐसा गंभीर मामला है जिसे अपने तरीक़े से चलाने के लिए मोदी सरकार ने गुजरात कैडर के अफ़सर की नियुक्ति इस महत्वपूर्ण पद पर की है’
नियम यह कहता है कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश, नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री जी मिलकर CBI प्रमुख की नियुक्ति करते हैं, लेकिन मोदी जी ने सारे नियमों को ताक़ पर रखकर अपने चहेते अफ़सर की नियुक्ति इस पद पर कर दी है।"मोदी सरकार का नियमों का अनदेखी करते हुए ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के उस बयान को सार्थक कर देता है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने CBI को पिंजरे का तोता बताया था जो केंद्र सरकार में बैठने वाले अपने आकाओं के इशारे पर काम करता है।"नियमों को ताक़ पर रखकर की गई CBI की इस नियुक्ति का आम आदमी पार्टी विरोध करती है और मांग करती है नियमों और कानून के तहत ही इस महत्वपूर्ण पद के लिए सही अफ़सर का चुनाव हो।

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