तैमूर अली खान – ये नाम कुछ कहता है। आलेख – चन ्द्रपाल प्रजापति नोएडा
तैमूर अली खान – ये नाम कुछ कहता है।
जहाँ सैफअली खान और करीना कपूर के पुत्र प्राप्ति पर पूरे देश से शुभकामनायें आनी चाहिए थी वहीं उसका नाम तैमूर अली खान रखने पर एक नये विवाद ने जन्म ले लिया है। इस विवाद को समझने के लिए इतिहास के पन्नो को पलटना होगा। तैमूर लंग एक लुटेरा शासक था जिसके अत्याचार की कहानी जानकर रूह कांप जायेगी । तैमूर लंग मे क्रूरता कूट कूट कर भरी हुई थी। अपैल 1398 मे तैमूर खुद बड़ी सेना लेकर समरकन्द से भारत रवाना हुआ। उसने हरियाणा और दिल्ली मे कत्लेआम और लूटपाट मचाई। और दिल्ली के व्यवसायियों की दौलत लूटकर समरकन्द ले गया। अनेक जवान और बन्दी बनायी गयी औरतों और शिल्पियों को को भी तैमूर अपने साथ ले गया। उसने दो हजार जिन्दा आदमियों की एक मीनार बनवायी और उन्हें ईंट और गारे मे चुनवा दिया। वह लिखता है कि ‘ हिन्दूस्तान पर आक्रमण करने का मेरा ध्येय काफिर हिन्दुओ के विरुद्ध धार्मिक युद्ध करना है (जिससे) इस्लाम की सेना को भी हिन्दूओ की दौलत और मूल्यवान वस्तुएं मिल जायें’।
सैफअली खान और करीना कपूर (खान) कोई साधारण लोग नहीं हैं। उनके लाखो करोडों प्रशंसक हैं। उनका अपने बेटे का नाम आततायी शासक तैमूर पर रखने से पूरे देश को अचम्भित और अपमानित कर दिया है। भारत देश जहां महापुरुषों की कमी नही हैं जहां आज तक रावण और विभीषण के नाम पर कोई अपने पुत्र का नाम नही रखता है। वहीं एक लुटेरा और आततायी शासक प्रेरणा स्रोत बन जाता है । ये एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। ये कृत्य देश द्रोह की श्रेणी मे आना चाहिए। इस अपमान का बदला सिर्फ और सिर्फ इन लोगो का बहिष्कार है। सैफ और करीना जैसे लोग देश के युवाओं के प्रेरणाश्रोत नही होने चाहिए।
चन्द्रपाल प्रजापति नोएडा
Comments are closed.