सदन में अमर्यादित टिप्पड़ी के संदर्भ में

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श्रीमान जी सोमवार 5 दिसम्बर को नोटबन्दी पर हंगामे की बीच विकलांग अधिकार अधिनियम 2014 को पारित करने के सरकार के निवेदन पर विपक्ष के किसी सदस्य द्वारा "नोटबन्दी से पूरा देश हो गया हैं विकलांग" जैसी टिप्पड़ी की गयी जिसका हम घोर विरोध करते हैं और अपनी आपत्ति आपके सम्मुख दर्ज कराते हैं, आज देश में नोटबन्दी के बाद की स्थिति की तुलना विकलांग जनो से करके सम्बन्धित सदस्य ने मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया हैं महोदय अगर देश विकलांग होता तो अरुणिमा सिन्हा होता जो एवरेस्ट पर एक पैर से चढ़ गयी देश विकलांग होगा तो रविंद्र जैन जैसे होता जिनकी धुन और गाने पुरे देश को मोहित करते हैं ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जब विकलांग जनो ने अपने सक्षम व्यक्तियों से कही ज्यादा अपने आप को अपने समर्थ को प्रगट किया हैं फिर भी जिस तरह नीचा दिखाने के प्रयास में इस तरह की टिप्पड़ी की गयी वो जायज नही आपसे आग्रह हैं इस तरह की घटिया टिप्पड़ी करने वाले सदस्य के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही करें जिससे भविष्य में कोई विकलांग जनो का मजाक न बना सके

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