पुस्तक समीक्षा: आजादी की डगर पर पाँव
घुमंतू पत्रकार शाह आलम की पुस्तक ‘आजादी की डगर पर पांव’ शहीदों की भूली-बिसरी कीर्ति व स्मृति को सहेजने का प्रयास है। लेखक ने पुस्तक की विषयवस्तु तैयार करने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा कर क्रांतिकारियों व आजादी के गुमनाम मतवालों से संबंधित प्रामाणिक दस्तावेज जुटाये हैं, और यह यात्रा देश के अनेक शहरों-कस्बों-गांवों से होकर गुजरी है। इस दौरान…
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