विधानसभा चुनाव 2022: जाने गौतम बुद्ध नगर जिले की तीनों सीटों के जातिगत आंकड़े
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा/ग्रेटर नोएडा (13/01/2022): गौतम बुद्ध नगर में विधानसभा चुनाव नजदीक आता देख जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशी टिकट और जीत की दावेदारी पाने के लिए अलग अलग हत्थकंडे अपना रहें है।
चुनाव में टिकट और जीत के लिए नेता ऊपरी मन से जाति से ऊपर उठकर काम करने की बात भले ही करते हों लेकिन वास्तविकता कुछ और ही होती है। क्योंकि हर चुनाव में जातिगत आंकड़े जीत में बहुत बड़ा रोल अदा करते हैं। और जाति के आधार पर ही अधिकांश प्रत्याशियों को टिकट और जीत मिलती है।
गौतम बुद्ध नगर में चुनाव प्रथम चरण में होना है तो इसके लिए तीनों विधानसभा में टिकट और जीत की दावेदारी में लगे लोगों ने जातिगत आंकड़े एकत्र करना शुरू कर दिया है। सभी नेता द्वारा जाति को आधार बनाकर टिकट मांगने के साथ साथ और जीत की दावेदारी भी की जा रही है। जाति का वास्तविक आंकड़ा न होने के कारण सभी अपने-अपने हिसाब से आंकड़े तैयार कर रहे हैं।
वास्तविकता यही है कि क्षेत्र में जिस जाति का वोट बैंक अधिक होता है उसी जाति के नेता को पार्टी के द्वारा टिकट दिया जाता है।
गौतमबुद्ध जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र नोएडा, दादरी व जेवर हैं। और तीनों विधानसभा के जाति के आंकड़े कुछ इस प्रकार है:-
नोएडा में मतदाताओं की संख्या 6,90,231
दादरी में मतदाताओं की संख्या 5,86,889
जेवर में मतदाताओं की संख्या 3,46,425
गौतमबुद्ध जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 16,23,545 है।
नोएडा के जातिगत आंकड़े
जाति जनसंख्या
ब्राह्मण 1,50,000
वैश्य 1,20,000
मुस्लिम 70,000
यादव 40,000
गुर्जर 50,000
ठाकुर 40,000
एससी 70,000
पंजाबी 60,000
जाट 10,000
अन्य पिछड़ा वर्ग 80,000
दादरी के जातिगत आंकड़े
जाति जनसंख्या
गुर्जर 2,00,000
ब्राह्मण 70,000
ठाकुर 35,000
एससी 65,000
मुस्लिम 65,000
जाट 10,000
वैश्य 40,000
यादव 15,000
अन्य पिछड़ा वर्ग 60,000
जेवर के जातिगत आंकड़े:
जाति जनसंख्या
ठाकुर 70,000
गुर्जर 70,000
जाट 25,000
ब्राह्मण 25,000
एससी 80,000
मुस्लिम 30,000
वैश्य 15,000
अन्य पिछड़ा वर्ग 30,000
विधानसभा चुनाव नजदीक आने से सभी पार्टियों में खलबली मची हुई। कुछ क्षेत्रों में तो नेताओं के द्वारा अपने-अपने हिसाब से जाति का आंकड़ा प्रस्तुत किया जा रहा है।
साथ ही नेताओं के द्वारा टिकट के लिए लगातार अपने जाति के लोगों द्वारा पार्टी को यह संदेश देने का भी प्रयास किया जा रहा है कि यदि पार्टी ने उनकी जाति के नेता को टिकट नहीं दिया तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे।