गौतमबुद्धनगर के कमिश्नर को मिली अब ‘स्पेशल पावर’, सुरक्षा कमेटी के होंगे अध्यक्ष
ABHISHEK SHARMA
Greater Noida : गौतमबुद्धनगर और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर अब लोगों को पुलिस गनर, शैडो और गार्द आदि दे सकेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कमेटी गठित कर उसे मंजूरी दे दी गई है। कमेटी के अध्यक्ष गौतमबुद्धनगर व लखनऊ में तैनात पुलिस कमिश्नर होंगे।
डीएम भी इसके सदस्य होंगे या फिर अपने स्थान पर किसी एडीएम को नामित कर सकेंगे। उन्हें पहले दो-दो महीने के लिए सुरक्षा देने का अधिकार होगा। बाद में इसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकेगा।
दरअसल, लखनऊ व नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की स्थापना होने से पहले इन जिलों में डीएम व एसएसपी की कमेटी फैसला लेती थी। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के चलते यह बदलाव किया गया है। कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई कमेटी में अध्यक्ष पुलिस कमिश्नर होंगे। साथ ही सदस्यों के रुप में संयुक्त पुलिस कमिश्नर, डीएम अथवा उनके द्वारा नामित एडीएम, स्थानीय अभिसूचना इकाई के सदस्य डीएसपी अथवा निरीक्षक सदस्य होंगे।
अभी तक व्यवस्था थी कि जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी सुरक्षा देने का फैसला करती थी। पुलिस अधीक्षक केवल स्थानीय अभिसूचना के जरिये संस्तुति करते थे।
कैबिनेट प्रस्ताव के मुताबिक, यह समिति आवेदक को पहले दो-दो महीने के लिए सुरक्षा देगी। फिर आवेदक के जीवन भय के अनुसार दो-दो माह के लिए दो बार सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी। पुलिस कमिश्नर की समिति को सुरक्षा कर्मियों की संख्या, सुरक्षा देने की अवधि के साथ ही सुरक्षा के व्ययभार के बारे में स्पष्ट करना होगा। साथ ही कमेटी छह महीने के लिए भी सुरक्षा देने की संस्तुति शासन से कर सकेगी।
यहां जरूरी होगा कि पुलिस जिस जीवन भय के कारण सुरक्षा दे रही है, उस भय को खत्म करने के लिए भी गंभीर प्रयास करेगी। छह महीने की सुरक्षा अवधि खत्म होने के 15 दिन पहले पुलिस कमिश्नर की समिति को संस्तुति शासन को भेजनी होगी।