आई.टी.एस. इंजीनियरिंग काॅलेज, ग्रेटर नोएडा में सौर्य ऊर्जा और भवन निर्माण के बुनियादी ढाँचेप र जोरदार व्याख्यान’’

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LOKESH GOSWAMI आई.टी.एस. इंजीनियरिंग काॅलेज, ग्रेटर नोएडा में   सौर्य ऊर्जा और भवन निर्माण के बुनियादी ढाँचेप र जोरदार   व्याख्यान’’अगर आप भी भविष्य में अपने भवन के निर्माण की योजना बना रहें है तो उसका बुनियादी ढांचा कैसा हो इस विषय पर सम्बंधित विशेषज्ञो की सलाह जरूर ले लीजिएगा अन्यथा आपके सपनो का घर समय से पहले टूट कर बिखर सकता है। भवन निर्माण में अगर उसका बुनियादी ढांचा मानकों के हिसाब से नहीं बनेगा तो भवन की उम्र काफी कम हो सकती है। भवन निर्माण के बुनियादी ढांचा कैसे हो इस विषय पर आई.टी.एस.इंजीनियरिंग काॅलेज, ग्रेटर नोएडा में सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, संगोष्ठी केमुख्य वक्ता दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल के असिस्टेंट प्रो0 डा0 राजू सरकार ने अपने व्याख्यान में कहा कि आज-कल का दौर बहुमंजिली इमारतो का दौर है। उन्होंने अपने व्याख्यान के माध्यम से संगोष्ठी में उपस्थित सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों और शिक्षको को समझाया कि इमारतों में बीम फाउण्डेशन का काम किस प्रकार से हो और एक अच्छे इमारत को भुकम्प निरोधी कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया की इस विषय में छात्रों कैसे शोध कार्य कर सकते है एवं अमेरिकन सोसाइटी आॅफ सिविल इंजीनियरिंग के मेम्बर कैसे बन सकते है। छात्रों ने बडे ही उत्साह से उनकी बात सुनी और शोध कार्य में रूची दिखाई। वही दूसरी तरफ संस्थान के मैकनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि जामिया इस्लामिया काॅलेज के डा0 ए.एफ. शेरवानी द्व ारा ’’सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कहाँ और कैसे करें’’ इस विषय पर जोरदार व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए डा0 शेरवानी ने कहा कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बहुत ही सीमित दायरे में किया जाता था। लेकिन अब धीरे-धीरे सौर्य ऊर्जा का इस्तेमाल काफी व्यापक स्तर पर जैसे पावर स्टेशन, गाडियों के चलाने में आज कल बन रही पूरी की पूरी बहुमंजिला इमारतों में बिजली उपलब्ध कराने में तथा अंतरिक्ष और सेटेलाइट आदि में भी इकसा काफी व्यापक स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है। डा0 शेरवानी ने अपने व्याख्यान में कहा कि सौर्य ऊर्जा के व्यापक इस्तेमाल से आज हम ऊर्जा के अन्य संसाधनो जैसे पेटंोल, डीजल, कोयला आदि को भी बचाकर सुरक्षित रख सकते है तथा सौर्य ऊर्जा की लागत भी अन्य किसी भी प्रकार से बनाई गयी ऊर्जा की लागत को काफी कम किया जा सकता है।

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