जानें गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से जुड़े रोचक तथ्य, कितने नौजवानों के हाथों में है इस बार प्रत्याशियों की किस्मत

ROHIT SHARMA

गौतमबुद्ध नगर  :–  गौतमबुद्ध नगर जिला 6 मई 1997 मे बना, लेकिन लोक सभा सीट खुर्जा थी और तब ये सुरक्षित सीट हुआ करती थी , 2009 के नए परिसमन ने ये जनरल सीट हुई , नगर की पहली बार लोकसभा सीट बनी, जिसमे बीएसपी की तरफ से सुरेन्द्र नागर विजयी रहे | जब ये सीट खुर्जा मे थी तो 1996 से लेकर 2004 तक बीजेपी का कब्जा रहा और लगातार 4 बार बीजेपी के अशोक प्रधान यहा से सासंद रहे | हलाकि 1952 से लेकर 1962 और 1994 मे इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था और 3 बार कांग्रेस के के.एल.बाल्कीमी यहा के सासंद रहे , लेकिन जब 2009 मे गौतमबुद्ध नगर नई लोक सभा सीट बनी तो उसमे बीएसपी के सुरेन्द्र नागर को 2 लाख 45 हजार 613 वोट मिले और वो जीत गए और बीएसपी ने बीजेपी प्रत्याशी महेश शर्मा को 16 हजार 613 वोटो से हरा दिया |



उस दौरान डॉ महेश शर्मा को शहरी वोट तो मिले लेकिन ग्रामीण क्षेत्र मे बीजेपी ज्यादा कुछ नही कर पाई जिसकी वजह से उसको अपनी सबसे सुरक्षित सीट गंवानी पङी | 2014 मे बीजेपी के डॉ महेश शर्मा पर एक बार फिर दांव खेला और मोदी लहर मे डा0 महेश शर्मा ने यहा से जीत हासिल करी |

स्थानीय मुद्दे

1997 मे जब ये जिला बना तबसे लेकर अब तक यहा पर ज्यादा तर मुद्दे जमीन से जुङे हुए है , यहा पर नोएडा विकास प्राधिकरण का गठन हुआ और नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानो की जमीनो का अधिग्रहण शुरु किया , जिसकी वजह से यहा की जमीनो के दाम आसमान छुने लगे |

प्राधिकरण ने किसानो के बंजर पङी जमीने सोने के दामो पर खरीदी जिसकी वजह से यहा के किसान करोङ पती हो गए , लेकिन किसानो को प्राधिकरण आबादी की जो जमीन देता उसमे प्राधिकरण ने ना नुकर करी और किसानो ने आंदोलन करना शुरु कर दिया और जब इलहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा बिसरख के शाहबेरी गांव के किसानो को 64.7 प्रतिशत अधिक मुआवजा देने का आदेश दिया तो जिले के सभी गांव के किसान लामबंद हो गए और उन लोगो ने भी बढा हुआ मुआवजे की मांग शुरु कर दी | आबादी की जमीन और बङे हुए मुआवजे की मागो को लेकर किसान अभी तक आंदोलन कर रहे है |

जिस तरह शहर का विकास हुआ उस तरह जिले के गांवो का नही हुआ यहा के गांव आज भी बिजली,सङके और अन्य व्यवस्थाओ के लिए तरस रहे है , जिसकी वजह से जिला प्रशासन को ग्रामीणो का गुस्सा झेलना पङता है |

यहाँ के विकास का 80 प्रतिशत कार्य नोएडा प्राधिकरण,ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण देखती है इन प्राधिकरणो मे सैकङो गांव आते है और गांव के किसान लगातार इनके दफ्तरो पर प्रदर्शन करते रहते है जबकी डीएम के पास उतनी पावर्स नही है जो अन्य जिलो मे होती है |

प्रमुख स्थान

बात अगर शहर की करे तो नोएडा एक हाईटेक शहर है जहा घुमने के लिए जीआईपी माल,सेक्टर-18 मार्केट,सीएसएम माल,मायावती का पार्क,सहित घुमने के लिए कई ऐसे स्थान है जहा पर शहर ही नही दिल्ली और आस पास के लोग घुमने के लिए आते है

ग्रेटर नोएडा–ग्रेनो एजुकेशन हब कहा जाता है यहा पर कई इन्टरनेशन युनवर्सिटीज और स्कुल है लेकिन घुमने के लिए सिर्फ एक अंसल प्लाजा है, हलाकि सरकार की तरफ से बङे भवन और कालेज सिर्फ ग्रेटर नोएडा मे है जैसे गौतमबुद्ध नगर युनिवर्सिटी,कांशीराम मेडिकल कालेज,फार्मुला-1 के लिए स्पोर्ट सिटी यहा की रौनक बङाती है

ग्रेनो ग्रामीण क्षेत्र–जहाँ शहर और अरबन शहर का विकास और विस्तार हुआ वैसे ग्रामीण क्षेत्रो मे नही हुआ आज भी दादरी मे जाम की स्थिती रहती है एनएच-91 की वजह से यहा के लोगो को घुमने के लिए नोएडा ग्रेटर नोएडा आना पङता है जिसकी वजह से यहाँ के लोगो को काफी परेशानी होती है यहा तक ग्रामीण क्षेत्र मे कोई ऐसा कालेज भी नही है जहा बच्चे एक अच्छी एजुकेशन पा सके |

वर्तमान सासंद-

यहा पर वर्तमान सासंद बीजेपी के है डॉ महेश शर्मा भाजपा सांसद ने कोई भी ऐसा बङा कार्य नही किया जिससे आम जनता मे उनकी अलग पहचान बन सके , सांसद साहब केन्द्रीय मन्त्री भी है तो लिहाजा वो ज्यादा समय अपने अपने केन्द्रीय नेतृत्व को देते है ज्यादा व्यस्तता के कारण महेश शर्मा की लोकप्रियता मे कमी आई है और समय समय पर उनका विरोध भी हो चुका है हलाकि एयरपोर्ट मसले को लेकर जरुर महेश शर्मा ने वाहवाही लुटी लेकिन इस वाहवाही को उनके जेवर विधायक धिरेन्द्र ठाकुर ने किसी हद तक कम कर दिया | बता दे की डा0 महेश शर्मा जिले मे 3 बङे हास्पिटल चलाते है जिससे किसी न किसी तरह से वो जिले की आम जनता से जुङे रहने और होने का दावा करते रहते है |

राजनितीक दलो का इतिहास-

गौतमबुद्ध नगर सीट पर पहले खुर्जा मे थी और 2009 मे नए परिसमन मे ये सीट गोतमबुद्ध नगर मे आ गई | यहा पर ज्यादा तक कांग्रेस और बीजेपी का राज रहा।1996 से लेकर 2004 तक बीजेपी का कब्जा रहा और लगातार 4 बार बीजेपी के अशोक प्रधान यहा का सासंद रहे , 1952 से लेकर 1962 और 1994 मे इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था और 3 बार कांग्रेस के के.एल.बाल्कीमी यहा के सासंद रहे , .2014 मे ये सीट बीजेपी के खाते मे चली गई | दिल्ली से सटा होने की वजह से ये सीट काफी महत्पुर्ण है और इसी वजह से पार्टिया भी सोच समझ कर अपने प्रत्याशी खङा करते है बसपा सपा गठबंधन ने तो अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है , वही दूसरी तरफ जातिवाद को देख कर और पार्टियों ने उमीदवार चुनाव में उतार दिया है |

राजनीतीक विचार-

गौतमबुद्ध नगर यमुना के किनारे बसा हुआ है और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है हलाकि शहरी क्षेत्र मे अब गुर्जरो का प्रभाव नही है क्योकी नोएडा का जिस तरह विकास हुआ उसी तरह यहा पर देश और दुनिया के लोग आकर बसने लगे , ये एक बहुत बङा उधौगिक क्षेत्र है जिसमे ज्यादा तर पङा लिखा तबका कहा जाता है , लिहाजा यहा पर जातीगत समीकरण सभी पार्टियो के चित पङ जाते है। इस इलाके का ज्यादा तर वोटर पढे लिखे प्रत्याशी को ही जाता रहा है ,इस क्षेत्र मे चुनाव ग्रामीण क्षेत्रो से ही जीता जाता है 2009 मे बीजेपी नोएडा से जीत गई लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो से ज्यादा तर वोट बीएसपी को मिले जिसकी वजह से बीजेपी को महज 16 हजार वोटो से हार का सामना करना पङा , लेकिन 2014 मे एसी मोदी लहर चली की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो मे भी बीजेपी को वोट मिले और ये सीट बेजीपी की हो गई , लेकिन इस बार ये राह आसान नही होगी | एक तरफ सपा बसपा का गठबंधन तो दुसरी तरफ कांग्रेस ने प्रियंका कार्ड खेला है जो कहा जा सकता है की बीजेपी की मजबुत दावे दारी यहा पर खतरे मे है |

समस्याए :– जिला गौतमबुद्ध नगर प्रदेश के अन्य जिलो से पुरी तरह अलग है क्योकि जिला की ज्यादातर आबादी तीन प्राधिकरणो के नोएडा,ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र मे आती है शहरी क्षेत्र मे जहा बायर्स की बहुत बङी समस्या है तो वही ग्रामीण क्षेत्रो मे किसानो का एक बहुत बङा मुद्दा है किसानो का मुख्य मुद्दा 64.7 प्रतिशत मुआजवा,5 प्रतिशत आबादी की जमीन,और प्राईवेट कंपनियो मे स्थानिय युवको रोजगार जिसको लेकर किसान बराबर प्राधिकरणो पर धरना देते रहते है ये एक ऐसी समस्या है जो की अभी तक कोई सरकार इसका हल खोज नही पाई है जिससे सरकार के खिलाफ हमेशा यहा के किसान सरकार के विरोध मे खङे रहते है तो वही शहरी क्षेत्र मे सबसे बङी परेशानी है बायर्स की..यहा पर 2 लाख से अधिक फ्लैट बायर्स सरकारो के विरोध मे खङे है क्योकी उनका सालो से फ्लैट नही मिला , ये मुद्दा भी इन चुनावो मे इस सीट पर अहम भुमिका निभाएगा |

गौतमबुद्ध नगर में कितने मतदाता , कितना जातिवाद :–

नया परिसमन – पहले खुर्जा मे थी 2009 मे पहली बार गौतमबुद्ध नगर सिट लोकसभा सिट बनी

लोक सभा सीट का क्षेत्र नोएडा,दादरी,जेवर,खुर्जा,सिकन्दराबाद

कुल मतदाता -2241234

पुरुष -12325531

महिला -1008475

नए वोटर -235352

नव जवान वोटर -84916

गुर्जर – 18 प्रतिशत

ठाकुर – 14 प्रतिशत

पंडित – 13 प्रतिशत

मुस्लिम – 14 प्रतिशत

अन्य – 28 प्रतिशत

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