परीकुल भारद्वाज को राष्ट्रपति करेंगे “राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2020” से सम्मानित
Abhishek Sharma
Noida (09/01/2020) : नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली परीकुल भारद्वाज को 26 जनवरी को राष्ट्रपति “राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2020” से सम्मानित करेंगे। बता दें कि परीकुल भारद्वाज की उम्र महज 13 वर्ष है। परीकुल भारद्वाज समाज में नेतृत्व, प्रेरणा तथा ऊंचे हिमालय शिखरों पर दी जाने वाली निस्वार्थ सेवाओं का एक जीवंत उदाहरण है। जिसके चलते 26 जनवरी को “परीकुल भारद्वाज” को राष्ट्रपति बाल “राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार 2020” से सम्मानित करेंगे। यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में दिया जाएगा।
ऊंचे पर्वतों पर किसी की जान बचाने हेतु उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त हैं। वे इतनी ऊंचाइयों पर अपनी समाज सेवी गतिविधियों द्वारा समाज हित योगदान देने वाली, लोगों की जान बचाने के लिए कार्य करने वाली सबसे कम आयु की पहली युवती हैं। उन्होंने समाज के प्रति असाधारण, साहस, बहादुरी, जुनून, समर्पित सेवा भाव और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।
वे किसी भी वर्ग, पंथ,धर्म या जाति इत्यादि की परवाह किए बिना उच्च शिखरों पर जोखिमों से भरी होने पर भी अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं।
2017, 2018 एवं 2019 में लगातार तीन वर्षों से वे अपने ग्रीष्मावकाश के दौरान ,हिमालय की ऊंची चोटियों पर निस्वार्थ रूप से प्रतिवर्ष 45 दिनों तक केदारनाथ के दर्शनों के लिए आए तीर्थ यात्रियों की 14000 फीट पर 7 डिग्री तापमान में अथक सेवा प्रदान करती हैं । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 22 जनवरी को ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2020’ देकर सम्मानित करेंगे।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2020 सूची में नाम आने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके पिता डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने कहा, ‘बेटी परिकुल सामाजिक कार्यों को करने में हमेशा आगे रहती है।
2 जून 2019 में उच्च शिखरों पर परिकुल भारद्वाज ने 14000 फीट की ऊंचाई पर अचानक बर्फीली हवाओं के चलते हताहत और अचानक बीमार पड़ने वाले पीड़ितों की जान बचाकर ऐसा साहसिक कार्य किया जिसपर सम्पूर्ण भारतवर्ष को उनपर गर्व है। परिकुल भारद्वाजने उनकी ऐसी अवस्था में सर्वप्रथम त्वरित प्रतिक्रिया दर्शायी और तत्पश्चात उन्हें केदारनाथ स्थित सिक्स सिग्मा के शिविर तक पहुंचाया।
उनके लिए तीर्थयात्री ही ईश्वर तुल्य हैं जिनकी सेवा ही वे अपना परमधर्म मानती हैं । अतः कहा जा सकता है कि वे इन तीर्थयात्रियों में ही अपने ईश्वर के दर्शन कर उन्हें उस परम शक्ति से जोड़ती हैं ।
वे इस कम आयु में ही राष्ट्र के लिए गौरव सिद्घ हुई हैं । उनका इस बचाव कार्य हेतु प्रशिक्षण बहुत ही सख्ती से सिक्स सिग्मा हाई अल्टिट्यूड सेवाओं, आईटीबीपी,एनडीआरएफ,एवं वायु सेना के संयुक्त तत्वाधान में हुआ है।
“नेशनल ज्योग्राफिक चैनल” द्वारा भी उनके इस साहसिक एवं निस्वार्थ रूप से किए गए अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला गया है । आज समस्त राष्ट्र परिकुल एवम् उनके परिवार को सलाम करता है और उन पर गर्व अनुभव करता है। ध्यातव्य है कि उनके अभिभावक एवं उनके दादा दादी ही सदैव उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं।