यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के ग ठबंधन में गांठ दिखने लगी है।

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यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में गांठ दिखने लगी है। अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्र की दस विधानसभाओं में उम्मीदवारी को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। पार्टी ने एक बार फिर प्रियंका वाड्रा को बातचीत के लिए आगे किया है।
बताते हैं कि प्रियंका ने संदेश वाहक की मदद से सीएम अखिलेश यादव को पहले किए वादे के मुताबिक ये सीटें छोड़ने को कहा है। कांग्रेस का तर्क है कि इसी कारण आजमगढ़ और एटा से जुड़ी विधानसभाओं पर कांग्रेस ने एक भी सीट पर दावा नहीं किया है।

कांग्रेस की ओर इस मुद्दे पर अधिकृत तौर पर कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी तो शुरूआत हुई है यूपी में मार्च तक चुनाव होने हैं कहां कहां हमारे उम्मीदवार होंगे पता चल जाएगा। ये पूछे जाने पर कि जब प्रियंका अमेठी और रायबरेली में ही प्रचार करेंगी ऐसे में वहां अपने लिए प्रचार करेंगी या सपा के लिए भी। इस पर सिब्बल ने कहा कि जिन्होंने वहां अपने उम्मीदवार उतारे हैं देखेंगे कहां किसके लिए प्रचार करेंगी।
दरअसल कांग्रेस ये मानकर चल रही थी कि अमेठी और रायबरेली पर सपा अपना दावा नहीं करेगी। इन सीटों से कांग्रेस के संभावित दावेदार इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हैं। चूंकि सीटों पर अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है और जमीन पर सपा के संभावित उम्मीदवार तैयारी में जुटे हैं लिहाजा कांग्रेस के लिए मुसीबत बढ़ गई है। कांग्रेस आलाकमान पर स्थानीय नेताओं का दबाव है कि सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार हों। सपा ने अपने उम्मीदवारों की अधिकृत घोषणा नहीं की है। सपा के सीटें छोड़ने पर कांग्रेस वहां से उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। इन सीटों पर फैसला सोनिया और राहुल गांधी को ही लेना है।

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