सृजनी : भारतीय मूल की मातृशक्तियाँ बनी वैश्विक संस्कृति की संवाहक
हिंदी भाषी भारतीयों के लिए हिंदी मात्र भाषा नहीं बल्कि मातृभाषा और अक्सर विदेशों में रहने वाले एनआरआई भारतीय इस भाषा की खुशबू में ही देश की महक ढूंढ़ लेते हैं। ऐसा ही एक प्रयास कर रहीं हैं विदेशों में रहने वाली चार भारतीय मूल की महिलाएं। "हिन्दी से बने और हिन्दी को बनाएंगे" ऐसी भावना मन में रखकर हिन्दी के प्रचार प्रसार को बचाने में जुटी इन…
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