ग्रेटर नोएडा की महिलाओं ने कांग्रेस प्रत्याशी का नाम पता होने से किया इंकार, देखें वीडियो –
Abhishek Sharma
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Loksabha2019 : लोकसभा चुनाव 2019 दो दिन बाद से शुरू हो जाएंगे। 11 तारीख को देश में 91 सीटों पर मतदान डाला जाएगा। इसी चरण में एनसीआर के दो क्षेत्रों गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी वोटिंग होगी। इस बार गौतमबुद्ध नगर में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने गौतमबुद्ध नगर से अरविंद सिंह को मैदान में उतारा है। हालांकि अरविंद सिंह पर बाहरी होने का ठप्पा लगा है और उन्हें टिकट मिलने पर स्थानीय कांग्रेसियों में भी नाराजगी देखी गई थी। यही कारण है कि स्थानीय नेता अरविंद के प्रचार-प्रसार से भी दूर हैं। ये बात भी डॉ. महेश शर्मा के बजाय सतबीर नागर को फायदा पहुंचा सकती है।
अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो 2014 में डॉ. शर्मा को सभी वर्गों का वोट मिला, मगर इस बार परिस्थितियां कुछ अलग हैं। गठबंधन के प्रत्याशी सतबीर नागर जहां गुर्जर वोटरों को लुभाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं वहीं सपा भी जी जान से उन्हें वोट दिलाने में जुटी है। इस मामले में कांग्रेस के अरविंद सिंह भी पीछे नहीं हैं वह हर वर्ग के मतदाता को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। उनका ज्यादा फोकस खासतौर से राजपूत मतदाताओं पर है। गौतमबुद्ध नगर में मतदाताओं की कुल संख्या 22 लाख है। 2014 के बाद यहां तीन लाख 11 हजार मतदाता और जुड़े हैं।
बीते चुनाव में महेश शर्मा ने कुल वोटों का 50 प्रतिशत से ज्यादा पाया था। उन्हें करीब 6 लाख वोट मिले थे। महेश शर्मा ने सपा के नरेंद्र भाटी को दो लाख 80 हजार वोटों से हराया था। पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी को एक लाख 98 हजार वोट मिले थे तो कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 12 हजार से कुछ ज्यादा वोट मिले थे।
गौतमबुद्ध नगर में कुल 22 लाख वोटर हैं जिनमें से करीब 16 लाख मतदाता ग्रामीण निवासी हैं। अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां ठाकुर मतदाताओं की संख्या करीब 4 से 4.5 लाख है। 4 लाख के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 3.5 लाख, गुर्जर 3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं। वहीं अगर महिलाओं की बात की जाए तो गौतमबुद्धनगर में 45 फीसदी महिला वोटर हैं।
महिलाओं के मुद्दे को लेकर टेन न्यूज़ ने सेक्टर-बीटा 1 की महिलाओं से ख़ास बातचीत करते हुए जाना कि किन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वे अबकी बार सरकार का चयन करेंगी। वहीं, महिलाओं ने रोजगार, गड्ढों में तब्दील हो रही सड़कों, महंगाई , बच्चों की फीस, महिलाओं की सुरक्षा को अपना अहम मुद्दा बताते हुए अपनी राय दी।
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