जेवर एयरपोर्ट : अप्रैल से शुरू होगा काम, 7 गांव की जमीन को किया जाएगा अधिग्रहण

Ten News Network

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ग्रेटर नोएडा : सरकार ग्रेटर नोएडा के पास जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 7 गांवों की 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को काम शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

 

यूपी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के पास बनने वाले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण की जमीन अधिग्रहण के लिए 4000 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है।सरकार ने इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी को काम शुरू करने का निर्देश दिया है।

 

जेवर एयरपोर्ट के लिए दूसरे चरण में 7 गांवों की 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक सरकार से इस बाबत काम शुरू करने का निर्देश मिल गया है।

 

यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के अधिकारी ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिस पर अप्रैल में काम शुरू हो जाएगा. पहले चरण के प्रोजेक्ट का काम स्विस कंपनी को दिया गया है, जो अगले कुछ महीनों में काम शुरू कर देगी। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जेवर एयरपोर्ट के लिए दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर, तीसरे फेज में 1318 और चौथे फेज में 735 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित की जानी है।

 

यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अरुण वीर सिंह के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट अगले दो से तीन साल में शुरू हो जाएगा। पहले चरण के प्रोजेक्ट के तहत दो रनवे बनाए जाने हैं, जिसके साथ ही 2023-24 तक इस एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने के बाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 5 रनवे होंगे। यह एयरपोर्ट करीब 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के निर्माण में 15 से 20 हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।

 

 

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज के लिए कुल 6 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इनमें रोही, परोही, रणहेड़ा, किशोरपुर, बनवारीबास और दयानतपुर शामिल है. यीडा के सीईओ अरुण वीर सिंह के मुताबिक दूसरे फेज के जिन 7 गांवों की जमीन प्रोजेक्ट के लिए ली जानी है, इनके नाम भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे. इस बारे में नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ विचार-विमर्श जारी है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट की जमीन के अलावा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के लिए भी 40 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का काम जल्द शुरू होगा। इसके लिए पल्ला और कुछ अन्य गांवों की जमीन ली जा सकती है।

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