दो गज़ सही मेरी मिलकियत तो है ये, ऐ मौत तूने मुझको जमींदार कर दिया !” नॉएडा में राहत ने चढ़ाया कविता का इंदौरी रंग
नोएडा का इंदिरा गांधी कला केंद्र कल शाम एक अविष्मरणीय कवि सम्मेलन का गवाह बना।उत्तर प्रदेश के औद्योगिक केंद्र में जब कवि जुटे तो इश्क़ और ठहाकों का लेनदेन देर रात तक चलता रहा। जहाँ कवियों ने सियासत पर तंज कसे और मुहब्बत की रुस्वाइयाँ गायी वही राहत इन्दोरी ने भी अपने अनूठे अंदाज में मिलकियत और जंमीदारी की अलग परिभाषा दे डाली। इस दौरान देश के बड़े…
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